दुर्ग:दुर्ग जिले में स्थित एशिया के सबसे बड़े इस्पात संयंत्र, भिलाई इस्पात संयंत्र में यूनियन की मान्यता चुनाव में इस बार इंटक गठनबन्धन और सीटू किसी की नहीं चली, बल्कि भारतीय मजदूर संघ को जीत हासिल हुई है. बीएसपी के यूनियन मान्यता चुनाव के इतिहास में पहली बार कर्मचारियों ने बीएमएस को अपना प्रतिनिधि चुना (BMS wins by huge votes in union election of Bhilai Steel Plant) है. देर रात घोषित परिणामों में इंटक को दूसरा एवं सीटू को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है. भिलाई इस्पात संयंत्र में पहली बार युवा पदाधिकारियों की टीम भिलाई इस्पात मजदूर संघ को इस मान्यता चुनाव में विजय घोषित किया गया.
युवाओं ने बदल दिया इतिहास:दरअसल भिलाई इस्पात संयंत्र में अब तक सीटू इंटक, स्टील वर्कर्स यूनियन जैसे संगठनों का दबदबा रहा है. लेकिन इस बार चुनाव में युवा कर्मचारियों की भूमिका अहम रही. युवा कर्मचारियों का समर्थन भारतीय मजदूर संघ को मिला और इनके वादों ने भी कर्मचारियों को रिझाया. इन युवा कर्मचारियों की आंधी ऐसी चली कि इंटक-इस्पात श्रमिक मंच और स्टील वर्कर्स यूनियन गठबंधन भी नहीं टिक सका. वहीं, अब देखना होगा कि साल 2015 में एनजेसीएस में शामिल हुई बीएमएस किस तरह से कर्मचारी हितों की लड़ाई लड़ता है.