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दुर्ग में ब्लैक फंगस के 9 मरीज, इलाज के लिए दवाओं की कमी - दुर्ग सीएमएचओ डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर

कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता जा रहा है. दुर्ग में ब्लैक फंगस के 9 मरीज हैं, जिनका इलाज जारी है. दुर्ग सीएमएचओ डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवाई की कमी है. सीजीएमएससी (Chhattisgarh Medical Services Corporation Limited) से जरूरी दवाई और इंजेक्शन की मांग की गई है.

black fungus cases in durg
दुर्ग में ब्लैक फंगस के 9 मरीज

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Published : May 20, 2021, 4:16 PM IST

Updated : May 20, 2021, 10:21 PM IST

दुर्ग: कोरोना महामारी के साथ अब ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता जा रहा है. छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. दुर्ग में ब्लैक फंगस के 9 मरीज मिले हैं. जिनमें 6 मरीजों का इलाज सेक्टर 9 अस्पताल में जारी है. 2 मरीजों का इलाज बीएम शाह अस्पताल में किया जा रहा है. वहीं एक अन्य मरीज निजी अस्पताल में भर्ती है. इसके अलावा अन्य संदिग्ध मरीजों को रायपुर रेफर किया गया है. क्योंकि जिले में इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाई नहीं है.

डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर, सीएमएचओ

दुर्ग सीएमएचओ डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले में ब्लैक फंगस के लगातार केस सामने आ रहे हैं. उपचार के लिए स्टोर में कुछ इंजेक्शन रखे थे, जिसे मरीजों को दिया जा चुका है. वर्तमान में ब्लैक फंगस की दवाई की कमी है. क्योंकि यह महंगी दवाइयां हैं. इसका उपयोग भी ज्यादा नहीं होता था. यही वजह है कि मेडिकल स्टोर्स में इसके इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं. डॉ. ठाकुर ने कहा कि सीजीएमएससी (Chhattisgarh Medical Services Corporation Limited) से इंजेक्शन की मांग की है. जल्द ही इंजेक्शन जिले में पहुंच जाएगा. वर्तमान में रायपुर मेडिकल कॉलेज और सिम्स में दवाइयां उपलब्ध हैं.

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ब्लैक फंगस के लिए कंट्रोल रूम तैयार

ब्लैक फंगस से अब तक जिले में 2 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 9 लोगों का इलाज जारी है. बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैद हो गई है. सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि ब्लैक फंगस की रोकथाम और जरूरतमंदों की मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. इसमें एक हाई सर्जन, टीएनटी सर्जन, मेडिकल विशेषज्ञ और काउंसलर की ड्यूटी लगाई गई है. जो सुबह 8 से 2 और 2 से 8 बजे तक लगातार मॉनिटरिंग करते हैं. अगर ब्लैक फंगस के कोई केस सामने आते हैं तो तत्काल उसका डिटेक्शन करते हैं और इलाज की व्यवस्था की जाती है.

1 दिन में लगाना होता है 6 डोज

ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों को 1 दिन में 6 डोज इंजेक्शन लगाना जरूरी होता है. इसी तरह लगभग 10 से 12 दिनों तक लगातार एम्पोटेरिसन-बी इंजेक्शन लगाना होता है. इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है. जानकारों की मानें तो एक इंजेक्शन करीब 8000 रुपये में मिलता है. फिलहाल दुर्ग के मेडिकल स्टोर्स में यह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. जिला प्रशासन के पास जो डोज हैं वह सरकारी अस्पताल के मरीजों के लिए रखा गया है.

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जिले में करीब 15 इंजेक्शन

ब्लैक फंगस के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास जिले में करीब 12 से 15 की संख्या में इंजेक्शन उपलब्ध है. जानकारों की मानें तो यह इंजेक्शन उन मरीजों को दिया जाएगा जो सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए हैं. इसके अलावा पूरे जिले के मेडिकल स्टोर्स में यह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है.

Last Updated : May 20, 2021, 10:21 PM IST

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