भिलाई:नगर पालिका निगम ने फिजूल खर्ची पर रोक लगाने के साथ ही फाइलों की जांच शुरू कर दी है. ऐसा कोई विभाग नहीं बचा है, जहां से फाइलें नहीं मंगाई जा रही है. इस मामले में राज्य शासन ने निगम द्वारा किए गए खर्च की फाइल की जांच कर देय राशि रोकने के निर्देश दे दिये है. भिलाई निगम में इस तरह की कार्यशैली से अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा है, यह भी चर्चा होने लगी है कि कुछ अधिकारी के ट्रांसफर भी अन्य निकायों में हो सकते हैं.
इन विभागों से मांगी गई फाइलें: भवन अनुज्ञा विभाग के समस्त फाइलों की जानकारी मांगी जा रही है. कितने फाइलों का निराकरण अब तक हुआ है. कितने फाइल नियमितीकरण में लगाए गए हैं. टाउन एंड कंट्री से कितनी फाइलें नियमित होकर आई है, कितने को रोका गया है. पूर्ण प्रमाण पत्र कितने दिए हैं. ऐसी सभी जानकारी मांगी जा रही है. इसी तरह संपदा विभाग में नाम परिवर्तन, लीज नवीनीकरण, नामांतरण, एनओसी की फाइलों की जानकारी ली जा रही है. उद्यान विभाग में वृक्षारोपण की जानकारी, गार्डन के रखरखाव संधारण मरम्मत में किए गए वर्ष भर के खर्च की जानकारी मांगी जा रही है. महापौर परिषद में विकास कार्यों की कितने फाइलें आई है, कितनो को स्वीकृति दी गई है कितने पर वसूली हुई है, इसका लेखाजोखा मांगा जा रहा है.
संपत्ति कर की वसूली की भी जानकारी मांगी है. वित्त विभाग से किन-किन एजेंसी को भुगतान हुआ इसकी भी संपूर्ण जानकारी मांगी गई है. विकास कार्यों की जांच रिपोर्ट भी मांगी गई है. एलईडी लाइट, मिनी स्टेडियम, फूट टाइल्स, उद्यान, सड़क, नाली, तारामंडल इंदौर स्टेडियम कुछ संसाधनों की खरीदी जैसे फाइलों की जांच होनी है.