दुर्ग: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है. तेजी से फैलता कोरोना संक्रमण स्वास्थ्य व्यवस्था को चुनौती दे रहा है. कई जगहों पर स्थिति ऐसी है कि लोगों को अस्पताल में बेड तक नहीं मिल रहे हैं. कई जगह ऑक्सीजन की भारी कमी की बात सामने आ रही है. कई स्थानों पर दवाई भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. ऐसे हालातों में जनप्रतिनिधि भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. अपने स्तर पर हर कोई मदद को आगे आ रहा है. भिलाई के युवा विधायक दो बार संक्रमित होने के बावजूद लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं.
मां के लिए मदद मांग रही थी बच्ची, इस MLA ने ऑक्सीजन मंगाई, अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया
विधायक देवेंद्र यादव खुद दो बार कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन खुद की जान की परवाह किए बगैर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के अलावा जरूरतमंदों तक प्लाज्मा उपलब्ध कराने में लगे हैं. इस कोरोना काल के दौरान अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए एमएलए देवेंद्र यादव प्रेरणा बनकर उभर रहे हैं. बाकी विधायकों और सांसदों को भी युवा विधायक से प्रेरणा लेनी चाहिए. क्योंकि केवल विधायक निधि या सांसद निधि की राशि राहत कोष में जमा करना ही कर्तव्य नहीं है. युवा विधायक देवेंद्र यादव ने ETV भारत से खास बातचीत की है. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि 'यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी है और उस जिम्मेदारी को मैं निभा रहा हूं'.
सवाल: कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों की मदद कैसे कर रहे हैं?
जवाब:अभी कठिन समय चल रहा है. शासन-प्रशासन की जो व्यवस्था है, उन व्यवस्थाओं को सही तरीके से लोगों के लिए उपयोगी बनाने का काम रहे हैं. इसके साथ ही उन व्यवस्थाओं में जो कमियां हैं उस पर नजर बनाकर दूर किया जा रहा है. अस्पताल की व्यवस्था, ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करना, गरीब तबके तक राशन पहुंचाना या मरीजों को दवाई उपलब्ध कराने की बात हो हर स्तर पर लोगों की मदद की जा रही है.
सवाल: जनप्रतिनिधियों को क्या संदेश देना चाहेंगे ?
जवाब:कोरोना संक्रमण के कारण लोग परेशान हैं. स्वास्थ्य कर्मचारी भी दिन-रात काम कर रहे हैं. ऐसे में कई बार मैन पावर की कमी दिखाई दे रही है. विधायकों और जनप्रतिनिधियों के अलावा सभी लोगों को कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कहना चाहूंगा. जो लोग कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में अपना योगदान दे रहे हैं. यदि कोई आर्थिक रूप से सक्षम है उसे आर्थिक रूप से लोगों की मदद करनी चाहिए. बहुत से एनजीओ के बच्चे भी इस महामारी में काम कर रहे हैं. पीपीई कीट पहनकर मरीजों को अस्पताल तक ले जाने का काम कर रहे हैं. ऐसा काम बहुत से नेता और जनप्रतिनिधि भी कर रहे हैं. क्योंकि आपदा का दौर है. हम सबको इस महामारी से निपटने के लिए एक साथ काम करना होगा.