छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Bhilai Firing Anniversary: भिलाई गोलीकांड की बरसी, आज ही के दिन मजदूरों पर हुई थी फायरिंग, गोलीकांड के शहीद मजदूरों की दी गई श्रद्धांजलि - भिलाई गोलीकांड की बरसी

Bhilai Firing Anniversary: छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भिलाई गोलीकांड में शहीद हुए मजदूरों को श्रद्धांजलि दी है. बता दें कि इस गोलीकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.यह गोलीकांड 1 जुलाई 1992 को हुआ था. जब विरोध प्रदर्शन कर रहे मजदूरों पर गोलियां दागी गई थी.

Bhilai Firing Anniversary
भिलाई गोलीकांड की बरसी

By

Published : Jul 1, 2023, 5:12 PM IST

मृत मजदूरों को दी गई श्रद्धांजलि

दुर्ग: आज भिलाई गोलीकांड की बरसी है. आज का दिन भिलाई के लोगों के लिए काला दिन है. भिलाईवासी इस दिन की घटना को कभी नहीं भूल सकते. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. भिलाई के रेलवे स्टेशन पर आज छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गोलीकांड में मरने वाले मजदूरों को श्रद्धांजलि दी है.

क्या है भिलाई गोलीकांड: दरअसल, 1 जुलाई 1992 की सुबह भिलाई के 16 मजदूरों के लिए आखिरी सुबह थी. अपनी मांगों को मनवाने के लिए हजारों मजदूर भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर बैठ गए थे. पुलिस ने उन्हें काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी. फायरिंग से मौके पर मौजूद 16 मजदूरों की मौत हो गई.

भिलाई गोलीकांड की 29वीं बरसी, मारे गए मजदूरों को दी गई श्रद्धांजलि
भिलाई गोलीकांड में मृत हुए श्रमिकों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
1 जुलाई 1992 भिलाई का वो काला दिन, जब मजदूरों पर दागी गई थी गोलियां, 16 श्रमिकों की हुई थी मौत

गोलीकांड में कई मजदूर हुए शहीद:1 जुलाई को हुए गोलीकांड में मारे गए श्रमिकों में केशव गुप्ता, रामकृपाल गुप्ता, असीम दास, मधुकर राम, रामाज्ञा चौहान, मनहरण वर्मा, जोगा यादव, पुरानिक लाल, प्रेमनारायण, कुमार वर्मा, इंद्रदेव चौधरी, हिरऊराम, लक्ष्मण वर्मा, धिरपाल ठाकुर, किशोरी मल्लाह, लोमन उमरे और केएन प्रदीप कुट्टी शामिल थे.

गोलीकांड के बाद दो दिन तक लगा था कर्फ्यू: बता दें कि भिलाई में 1 जुलाई 1992 को हुए इस गोलीकांड के बाद दो दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा. कर्फ्यू के कारण सड़कें पूरी तरह से वीरान हो गई थी. चौक-चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिए गए थे. ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो. उन्होंने बताया कि इस दौरान पत्रकारों के लिए पास जारी किया गया था. उस समय रायपुर, राजनांदगांव, कवर्धा समेत दुर्ग की पुलिस बल ने मोर्चा संभाला था. इस गोलीकांड के कुछ समय बाद घायल दो श्रमिकों की मौत हो गई. इस तरह कुल 18 श्रमिक और एक पुलिस अफसर शहीद हो गए थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details