Demand For Compensation : भिलाई में आदिवासी युवक की हत्या का मामला गरमाया, हिंदू संगठनों के साथ परिवार का धरना - हिंदू संगठनों के साथ परिवार का धरना
Demand For Compensation कोहका में आदिवासी युवक की हत्या के बाद हिंदू संगठनों के साथ परिवार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गया है.परिवार का आरोप है कि इस मामले में परिवार की किसी ने सुध नहीं ली.लिहाजा परिवार अब 50 लाख रुपए का मुआवजा के साथ सरकारी नौकरी की मांग पर अड़ा है. Bhilai Crime News
दुर्ग :कोहका क्षेत्र में हुए आदिवासी समाज के युवक की हत्या के बाद अब परिवार आर्थिक सहायता की मांग कर रहा है.आर्थिक सहायता की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने परिवार को समर्थन दिया है. जिसके बाद परिवार के लोग स्मृतिनगर पुलिस चौकी के बाहर धरना दे रहे हैं. पिछले चार दिनों से परिवार का क्रमिक भूख हड़ताल जारी है.आपको बता दें कि परिवार की तरफ मदद का हाथ बढ़ाते हुए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने 51 हजार रुपए की सहायता दी है. परिजन 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर अड़े हैं.
कब हुई थी हत्या ? :आपको बता दें कि शनिवार देर रात कोहका में सचिन चौधरी नाम का युवक एक लड़की से बात कर रहा था.वहीं पास के घर से युगल किशोर नाम का युवक ने सचिन को लड़की से बात करने से मना किया.लेकिन सचिन और युगल के बीच विवाद होने लगा.तभी युगल का बड़ा भाई चंद्रशेखर मौके पर आया और दोनों को समझाने लगा.लेकिन सचिन घटनास्थल पर अपने बड़े भाई गोविंद चौधरी को बुलाता है.जो मौके पर आकर चंद्रशेखर पर बल्ले से हमला कर देता है.इस हमले में चंद्रशेखर की मौत हो जाती है.हत्या के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.लेकिन अब परिवार प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग कर रहा है.
सरकार पर वीएचपी ने लगाए आरोप :विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष राजीव चौबे के मुताबिक" बीते कुछ वर्षों से शहर में देर तक खुली दुकानें, जगह जगह युवाओं के झुण्ड और खुलेआम नशाखोरी से जनता बुरी तरह त्रस्त है. खुर्सीपार में तो मलकीत सिंह के परिवार को मुआवजे और संविदा नौकरी की घोषणा मुख्यमंत्री ने कर दी. लेकिन कोहका में आदिवासी समाज के मृतक के परिवार की शासन ने कोई सुध नहीं ली.परिवार ने दोषियों को फांसी देने की मांग की है."
''मेरे पति का मर्डर कर दिए हैं. मुझे इंसाफ चाहिए, 50 लाख मुआवजा और मुझे सरकारी नौकरी सरकार के द्वारा दिया जाना चाहिए. मेरे पति को मारने वाले दो ही लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है,इसमें 10 लोग शामिल थे, सभी को फांसी की सजा होना चाहिए.'' मृतक की पत्नी
50 लाख मुआवजे की मांग :मृतक की पत्नी का कहना है कि जब तक मुझे न्याय नहीं मिलेगा तब तक हम सब ऐसे ही बैठे रहेंगे. हम आदिवासी समाज से हैं. लेकिन कोई भी सरकार का आदमी आदिवासी की सुनने नहीं आया. आपको बता दें कि मृतक के घर में उनकी विधवा पत्नी के अलावा 5 छोटे बच्चे हैं. घर के एकमात्र कमाने वाले सदस्य की मृत्यु के बाद घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा. अब हिंदू संगठनों ने इस मामले में मोर्चा खोल दिया है.