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बिजली विभाग ने उखाड़ा गौठान का मीटर तो भिलाई निगम प्रशासन ने लगाई फटकार

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Published : Aug 19, 2022, 2:03 PM IST

भिलाई में बिजली विभाग ने गौठान का मीटर पैसा भुगतान के बावजूद उखाड़ लिया. इसकी जानकारी मिलने पर भिलाई निगम प्रशासन ने बिजली विभाग को जमकर फटकार लगाई.

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बिजली विभाग

भिलाई:भिलाई के शहरी गौठान में विद्युत विभाग के कर्मचारी गौठान में लगा मीटर उखाड़कर ले गए. इस बात को लेकर भिलाई निगम प्रशासन और विद्युत विभाग में जमकर तकरार हुई. भिलाई निगम प्रशासन ने विद्युत मंडल के कर्मचारियों को फटकार भी लगाई.

बिजली विभाग ने उखाड़ा गौठान का मीटर

गौठानों में छाया रहा अंधेरा: भिलाई निगम प्रशासन ने कहा कि जब मीटर का पैसा जमा कर दिया गया था, तब मीटर क्यों ले जाया गया. हालांकि कुछ देर बाद विद्युत विभाग ने कनेक्शन जोड़ दिया. भिलाई निगम कोसानाला के पास शब्ली गौठान है. यहां दो महीने पहले बिजली का नया मीटर लगा था. बुधवार, गुरुवार को भी गौठान में अंधेरा छाया रहा.

मवेशी को नहीं मिल रहा है पानी:बताया जा रहा है कि सुबह 10 बजे विद्युत मंडल के कर्मचारी पहुंचे और लाइन कट कर मीटर उखाड़ने लगे. गौठान के कर्मचारी कुछ बता पाते इससे पहले ही विद्युत मंडल के कर्मचारी मीटर अखाड़कर ले गए. भिलाई निगम प्रशासन को जब इस बात की जानकारी हुई तब हड़कंप मच गया. जोन एक आयुक्त मनीष गायकवाड़ ने विद्युत विभाग के अफसरों को फोन लगाया और बताया कि मीटर का 13 हजार रुपये दो महीने पहले ही दिया जा जा चुका है.

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विद्युत विभाग ने नहीं की थी इंट्री:बताया जा रहा कि दो माह पूर्व जोन एक नेहरू नगर कार्यालय से नया मीटर के लिए 13 हजार रुपया जमा किया जा चुका था. विद्युत विभाग के कर्मचारी ने इस राशि की एंट्री नहीं की थी. इधर बिना किसी पूर्व सूचना के विद्युत मंडल के कर्मचारी मीटर उखाड़ ले गए. इस बात पर दोनों विभागों में जमकर तनातनी चली. जोन आयुक्त भिलाई मनीष गायकवाड़ ने बताया कि पैसा जमा हो चुका है. जान बूझकर किसी ने बदमाशी की है. इसकी जांच की जाएगी. एक तरह से यह शासन प्रशासन को बदनाम करने की साजिश है. इसकी जांच की जाएगी.

बिजली विभाग ने दी सफाई: डीई सिटी वेस्ट बिजली कंपनी आरके चंद्राकर ने बताया कि नगर निगम प्रशासन ने गौठान के नाम से बिजली कनेक्शन के लिए आजतक कोई आवेदन नहीं दिया था. शासन की योजना थी, इस वजह से बिजली कंपनी ने कनेक्शन दे दिया था. कई बार संपर्क के बाद भी कोई आवेदन न आने पर कंपनी की ओर से कनेक्शन काटा गया. इसके बाद निगम की ओर से आवेदन आने पर कुछ देर में ही कनेक्शन जोड़ दिया गया. कंपनी की ओर से कहीं कोई चूक नहीं की गई है.

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