छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

भिलाई: मिनी इंडिया को बनारसी चाय का स्वाद देने वाले कमला शंकर दुबे की कोरोना से मौत

भिलाई के बनारसी चाय वाले के नाम से पहचानने वाले और दुबे टी स्टाल के संचालक कमला शंकर दुबे की कोरोना से मौत हो गई. उनके टी स्टॉल में रोज शाम को एक से डेढ़ हजार यूथ व लोगों की भीड़ लगती है. उनकी चाय पीने के लिए जनप्रतिनिधि से लेकर बीएसपी, पुलिस, स्टूडेंट्स से लेकर हर कोई आता था.

banarasi-chay-wala-of-bhilai-kamala-shankar-dubey-died-of-corona
कमला शंकर दुबे की कोरोना से मौत

By

Published : Apr 18, 2021, 8:33 AM IST

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के मिनी इंडिया यानी भिलाई में लोगों को बनारसी चाय का स्वाद दिलाने वाले कमला शंकर दुबे नहीं रहे. दुर्ग जिले में फैले कोरोना के तांडव से वो भी नहीं बच पाए.

कमला शंकर दुबे की कोरोना से मौत

यदि आप कभी सिविक सेंटर गए हैं तो वहां दुबे टी स्टाल है. जी हां शायद आपको याद आ रहा होगा. वही दुबे जी.. जिनके हाथों का बना चाय का स्वाद कभी आप भूले नहीं होगें. क्योंकि उनके हाथों से बनी चाय बनारसी चाय की स्वाद दिलाती है. यही तो वजह है कि दुबे जी के टी स्टाल में मंत्री, सांसद, विधायक से लेकर हर वो सेलिब्रेटी यहां चाय पीने आते थे. उनके टी स्टॉल में रोज शाम को एक से डेढ़ हजार यूथ व लोगों की भीड़ लगती है. इस टी-स्टॉल की नींव रखने वाले पंडित कमला शंकर दुबे कोरोना से जंग हार गए. बीएम शाह अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन पर भिलाई ही नहीं बल्कि रायपुर, राजनांदगांव समेत शायद ही कोई इलाका होगा जहां के लोग उन्हें याद नहीं कर रहे होंगे.

कमला शंकर दुबे की कोरोना से मौत

पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत थी खराब
पिछले 10 -15 दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. इसकी शुरूआत उन्हें दस्त से हुई. इसके बाद बुखार व अन्य लक्षण सामने आए. इसके बाद उन्हें बीएम शाह अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार चल रहा था. लेकिन शुक्रवार की सुबह उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. जैसे ही भिलाई में उनके मौत की खबर फैली तो लोग सोशल साइट्स में उन्हें श्रद्धांजली देना शुरू कर दिए. पूरा भिलाई उन्हें आज याद कर रहा है.

छत्तीसगढ़ में कोरोना बेकाबू: 16083 नए केस,138 की मौत


दो फिल्मों में काम किया
बीएसपी अफसर केके यादव भी कमला शंकर दुबे की चाय के कायल थे. यादव बताते कि वे दुबे को 30 साल से जानते थे. उन्होंने उनके साथ दो शॉर्ट फिल्मों में काम भी किया है. शॉर्ट फिल्म परिवर्तन और डेंगू डॉन में उन्होंने रोल किया था. उन्होंने बताया कि वे जितनी अच्छी चाय बनाते थे उतने ही सरल और सहज व्यक्ति थे. उनका जाना भिलाई को अखर रहा है. नरेंद्र मोदी के चुनाव जीतने के बाद कमला शंकर दुबे ने नमो चाय बनाई थी. एक सप्ताह तक चाय फ्री में पिलाई थी. इस पर उनकी डॉक्यूमेंट्री भी बनी.

कमला शंकर दुबे के सेलिब्रेटी टी सेंटर का सफर
पंडित कमला शंकर दुबे के सबसे करीबी और शुरुआत से उनके पड़ोसी रहे उपाध्याय पान सेंटर के संचालक वीएन उपाध्याय की आंखों में आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे है. रोते-रोते वे उन्हें याद करते हुए कहते हैं, कि अब मुझे ओके बॉस, हां बॉस कौन कहेगा? उन्होंने बताया 1991 में उनके पिता कमला शंकर दुबे को अपने साथ लेकर आए. पहले हमारी दुकान के सामने चाय बेचा. उन्होंने कहा कि कमला मेरे हनुमान थे. हर समय साथ दिया।.हर मुश्किल दौर में खड़े रहे. शुरुआत में कमला ने काफी संघर्ष किया. व्यवहार कुशल इतना गजब था कि कोई भी उनकी दुकान में आता तो दोबारा जरूर आता. चाय में बनारसी स्वाद वहीं लेकर आए. पहले रूआबांधा में रहते थे. अब हालही में उन्होंने रिसाली इलाके में खुद का मकान लिया है. दो बेटे हैं. उनकी चाय पीने के लिए जनप्रतिनिधि से लेकर बीएसपी, पुलिस, स्टूडेंट्स से लेकर हर कोई आता था. सब उनके कुशल व्यवहार के कायल थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details