दुर्ग के विश्वदीप स्कूल में बजरंगियों का हंगामा दुर्ग :छत्तीसगढ़ में बजरंग दल को बैन करने के मामले में राजनीति जारी है. रविवार को दुर्ग जिले के एक मिशनरी स्कूल में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया है. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि मिशनरी स्कूल में धर्मांतरण हो रहा था, जिसकी उन्हें शिकायत मिली थी. शिकायत मिलने के बाद जब बजरंग दल ने इस बारे में पता किया तो जानकारी सही निकली.
कहां का है पूरा मामला :ये पूरा मामला दुर्ग के पद्माभपुर इलाके का है. यहां पर क्रिश्चियन कम्यूनिटी का विश्वदीप हायर सेकंडरी स्कूल है. इस स्कूल में रविवार के दिन एक बड़ा कार्यक्रम रखा गया. जिसमें 200 बच्चों को बुलाया गया. ये बच्चे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी यहां लाए गए थे. इस बात की जानकारी हिंदू समाज के नेताओं को लगी. जिसके बाद हिंदू संगठन बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और हंगामा कर दिया.
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स्कूल परिसर के सामने हनुमान चालीसा का पाठ :विश्वदीप स्कूल में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा. विरोध प्रदर्शन के दौरान ईसाई समाज के खिलाफ खूब नारेबाजी हुई. हंगामा बढ़ता देख स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को इस बात की सूचना दी. जिसके बाद पुलिस भारी बल लेकर मौके पर पहुंची. इस दौरान पुलिस ने मौके पर हंगामा कर रहे लोगों को वहां से भगाया. लेकिन सभी लोग स्कूल के बाहर गेट पर इकट्ठा हो गए. इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल परिसर के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया. कई घंटे तक हंगामा होने के बाद पुलिस ने धर्मांतरण की शिकायत की जांच करने की बात कही है. इसके बाद मामला शांत हुआ.
बच्चों को बहला फुसला कर लाने के आरोप:विश्व हिंदू परिषद के सदस्य राकेश पंडित ने कहा कि "दुर्ग शहर में विश्वदीप स्कूल है, जो शिक्षा का उच्चतम स्थान है. हमें बीती रात जानकारी मिली थी कि, यहां धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. 500 से 700 बच्चे आये हुए हैं. इसकी सूचना को लेकर हम सुबह आये, तो यह जानकारी मिली कि 190 बच्चे हैं. हमें शक है कि उससे अधिक बच्चे हैं. सारे बच्चे जो आये हुए हैं उसका लिस्ट दिया है उन्होंने पुलिस को, तो उसमें से अधिकतर ध्रुव, ठाकुर और सिन्हा नाम के बच्चे हैं, तो ऐसे हिंदू बच्चों को लाया गया है वहां. बहला फुसला कर लाया गया है."
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता राकेश पंडित का मानना है कि "वहां 8वीं से 12वीं क्लास के बच्चों को बुलाया गया है, लेकिन हमें शक है कि वहां 8वीं से भी छोटी कक्षाओं के बच्चे हैं. छोटे बच्चों को सिखाया जा रहा है कि एड्स क्या होता है. एड्स जिनको हो जाये, उनके साथ सेक्स करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए. प्रेम कैसे किया जाता है. छोटे नाबालिग बच्चों में अभी से इस तरह की सोच डालना और दिखाना सरासर गलत है."
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता राकेश पंडित ने आरोप लगाया कि " यह शिक्षा का सबसे बड़ा संस्थान है विश्वदीप स्कूल और आपने स्कूल के अंदर बिना परमिशन के, अभी शिक्षा अधिकारी आये थे, उन्होंने बताया है कि कोई परमिशन नहीं है. बिना परमिशन के धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्हें समझाइश देना, यह सरासर अनुचित और गलत है. बड़ा खेल हो रहा है . इसमें, धर्मांतरण का बड़ा मुद्दा चल रहा है. शिक्षण संस्थान में ऐसा होना गलत है"
प्रशासन के दस्ते ने की मामले की जांच: धर्मांतरण का मामला सामने आने पर दुर्ग तहसीलदार प्ररेणा सिंह भी मौके पर पहुंची. अपनी टीम के साथ तहसीलहार ने मामले की जांच की. दुर्ग तहसीलदार प्ररेणा सिंह का कहना है कि "शिकायत यह थी कि यहां धर्मांतरण जैसी कई चीजें हो रही है. कई जगह से हिंदू कम्यूनिटी के बच्चों का धर्मांतरण कराया जा रहा है. लेकिन हमने इस केस में बच्चों से पूछताछ की है. वहां सारे क्रिश्चियन कम्यूनिटी के बच्चे थे और उन्हें बाइबल और ईसा मसीह का रिट्रीट करके एक कार्यक्रम के संचालन के बारे में बताया जा रहा था."
पुलिस के आश्वासन के बाद शांत हुए हिंदूवादी संगठन आश्वासन के बाद शांत हुए हिंदूवादी संगठन: सिटी एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि "प्रदर्शकारियों को पुलिस प्रशासन की तरफ से आश्वासन दिया गया. उसके बाद फिलहाल हिंदूवादी संगठन के लोग शांत हो गए हैं. वहीं जिन बच्चों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था, उन सभी का बयान एसडीएम की तरफ से लिया गया है. साथ ही स्कूल प्रबंधन द्वारा भी इस बात की तस्दीक कराई जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को किस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही थी और रविवार अवकाश के दिन इन बच्चों को बुलाने के लिए उनके पालकों की अनुमति ली गई थी की नहीं. इसकी भी जांच कराई जा रही है."
सामाजिक कार्यकर्ता ने जताया विरोध:इस मामले में सोशल एक्टिविस्ट इनाया सबा ने ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि" बजरंग दल के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ में दुर्ग के एक स्कूल के बाहर हंगामा किया. प्रबंधन पर धर्म परिवर्तन का झूठा आरोप लगाया. छत्तीसगढ़ सरकार को इन आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए."
पुलिस प्रशासन ने मौके पर मोर्चा संभाल लिया है. हंगामा कर रहे लोगों को स्कूल परिसर से बाहर किया गया है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.