दुर्ग:भिलाई के सुपेला थाना पुलिस ने 16 अप्रैल को रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैकमार्केटिंग करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिसमें एक जगदलपुर के शासकीय अस्पताल का डॉक्टर था. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ महज प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को छोड़ दिया. जबकि कलेक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी करने वालो को सीधे जेल भेजने के निर्देश दिए थे.
भिलाई के सुपेला अनिल होंडा के पास बीते दिनों ड्रग विभाग ने रेमडेसिविर इंजेक्शन को ज्यादा कीमत पर बेचते दो आरोपियों को पकड़ा था. ड्रग विभाग ने आरोपियों के पास से 4 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किया था. जिसे आरोपियों ने एक इंजेक्शन को 12 से 13 हजार में बेचने के लिए सौदा किया था. इस इंजेक्शन की बाजार में 4 हजार 800 रुपये कीमत है.
रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने बस्तर में कमेटी का गठन
ड्रग विभाग करेगा कार्रवाई
मामले की जानकारी लगते ही ड्रग विभाग के इंस्पेक्टर ने खुद ग्राहक बनकर पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया. जिसके बाद आरोपियों को सुपेला पुलिस को सौंप दिया गया था. मामले में सुपेला थाना प्रभारी SI लल्लन सिंह ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने अपनी कार्रवाई की है. आगे की कार्रवाई ड्रग विभाग करेगा.
14 तारीख को कलेक्टर ने दिए थे निर्देश
कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत को देखते हुए 14 अप्रैल को नोडल अधिकारियों के साथ बैठक ली थी. बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालो को सीधे जेल भेजने का निर्देश दिया गया था. कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में ड्रग विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है. इस प्रकार की कालाबाजारी करने वालो पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.