दुर्ग/भिलाई: छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला ढाई साल का अयांश पिछले कई महीनों से हैदराबाद के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. उसे एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसके इलाज के लिए पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही दवा है और उस दवा की कीमत 16 करोड़ रुपये है. यदि उसे खरीद कर भारत लाया भी जाए तो टैक्स के साथ इसकी कीमत 22 करोड़ रुपये हो जाती है. ऐसे में एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए इतनी बड़ी रकम जुटा पाना असंभव है, लेकिन अयांश के पिता योगेश गुप्ता को अपने देशवासियों पर भरोसा है. उनका मानना है कि अयांश सिर्फ उनका बेटा नहीं, बल्कि देश का बेटा है. उन्हें उम्मीद है कि देशवासी उनकी मदद जरूर करेंगे.
जिन बच्चों को SMA बीमारी होती है, उनके दिमाग के नर्व सेल्स और स्पाइनल कार्ड काम नहीं करते हैं यानी दिमाग तक वो सिग्नल नहीं पहुंचता है, जिससे मांसपेशियों को कंट्रोल किया जा सके. ऐसे बच्चे बिना मदद के चल-फिर नहीं सकते हैं. ढाई साल के अयांश के साथ भी चलने-फिरने के साथ ही उठने-बैठने की भी समस्या है. वह खाना भी चबा नहीं सकता. सांस लेने में दिक्कत होती है. पिता योगेश गुप्ता के मुताबिक जब बेटा 13 महीने का हुआ, तब इस बीमारी का ठीक से पता चला
अयांश को स्पाइरल मस्कुरल एट्राफी (SMA) टाइप-1 नामक दुर्लभ बीमारी
अयांश के पिता योगेश गुप्ता बताते हैं कि उनकी इकलौती संतान अयांश को स्पाइरल मस्कुरल एट्राफी 1 नामक दुर्लभ बीमारी है. इस गंभीर बीमारी की वजह से उसका शरीर काम नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने कहा है कि अयांश एक इंजेक्शन से ठीक हो सकता है, लेकिन वह इंजेक्शन अमेरिका में मिलता है. जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है. उस इंजेक्शन से ही अयांश को बचाया जा सकता है.
13 माह बाद इस बीमारी के बारे में हुई जानकारी
अयांश के पिता योगेश बताते हैं कि अयांश जब 6 माह का था उसी समय उसका शरीर काम नहीं कर रहा था. बहुत से डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कुछ समझ नहीं आया. इसके बाद जब अयांश 13 माह का हुआ तब हमें इस बीमारी की जानकारी हुई. वर्तमान में अयांश का इलाज हैदराबाद के निजी अस्पताल में चल रहा है. जहां रोजाना उसे ऑक्सीजन दिया जाता है. ऑक्सीजन के सहारे ही अयांश की जिंदगी चल रही है.
छत्तीसगढ़ की 'तीरा': सृष्टि को बचाने 22 करोड़ रुपये की जरूरत
क्राउड फंडिंग के जरिए मदद की अपील
अयांश के पिता बताते हैं कि 22 करोड़ रुपए छोटी रकम नहीं होती. यह बहुत बड़ी रकम है. इसके लिए वे आम लोगों के बीच जा रहे हैं. लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इसके साथ-साथ क्राउडफंडिंग भी कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने एक वेबसाइट भी बनाई है. जिसमें अयांश की तस्वीर, बीमारी से संबंधित डॉक्टरों की ओर से दिए गए दस्तावेज वेबसाइट में अपलोड की गई है.