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धमतरी: दिव्यांगता को अपने हुनर से मात दे रही विभा

धमतरी की विभा न सुन सकती है, न बोल सकती है, लेकिन अपने हुनर के दम पर विभा ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. विभा की बनाई गई पेंटिंग्स चर्चा का विषय बनी हुई है.

vibha of dhamtari
पेंटिंग करती विभा

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Published : Mar 22, 2021, 8:21 PM IST

धमतरी:कहते हैं कि जन्म से किसी व्यक्ति में कोई खामी है तो ईश्वर उसे एक ऐसा हुनर देता है, जिसके बूते वह दुनिया की भीड़ में अलग पहचान बना लेता है. धमतरी के आमदी नगर पंचायत में रहने वाली दिव्यांग विभा इसी प्रतिभा के धनी हैं. विभा अपनी प्रतिभा के कारण इन दिनों लोगों का दिल जीत रही है. विभा ने दिव्यांग होने के बाद भी कभी हिम्मत नहीं हारी और ना ही हौसला खोया.

दिव्यांगता को अपने हुनर से मात दे रही विभा

विभा न सुन सकती है न बोल सकती है. लेकिन अपने हुनर के दम पर विभा ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. वह पेंसिल से बेहतरीन स्केच बनाती है. विभा बहु प्रतिभा की धनी है. आकर्षक रंगोली के साथ वन सुंदर मेहंदी भी बनाती है. अपनी इसी हुनर की वजह से लोगों के बीच वह चर्चा का विषय बनी हुई है. आमदी के सरस्वती शिशु मंदिर में आठवीं क्लास में पढ़ने वाली दिव्यांग विभा को बचपन से ही चित्रकारी का शौक रहा है. परिवार के सहयोग से वह अब इस हुनर को और भी निखारने में लगी है.

विभा के इस हुनर से परिवार में खुशी

विभाग किसान परिवार से ताल्लुक रखती है. वह परिवार की लाड़ली बेटी है.विभा की दो और बहनें हैं. वह भी पढ़ाई कर रही है. पूरा परिवार विभा की इस चित्रकारी से बेहद खुश है.परिवार वाले बताते हैं कि विभा हर क्षेत्र में होनहार है. गांव में आयोजित हुई कई प्रतियोगिता में उसने पहला स्थान प्राप्त किया है.गांव या परिवार में यदि किसी की शादी होती है तो विभा को बुलाया जाता है, क्योंकि वह चंद मिनटों में ही कई हाथों में मेहंदी लगा लेती है.

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पापा को बेटी पर है नाज

विभा के पिता बताते हैं कि जब वह चौथी क्लास में थी तब से उसने पेंटिंग बनाना शुरू कर दिया था.धीरे-धीरे यूट्यूब के जरिए विभा ने अपनी कला को और निखारा. जिससे उसकी पेंटिंग में और सुधार हुआ. विभा की पेंटिंग में डॉ.अब्दुल कलाम की तस्वीर, महापुरुषों की तस्वीर,भगवानों की तस्वीर,परिवार के सदस्य सहित आर्टिफिशियल पेंटिंग शामिल है.वही रंगोली और मेहंदी भी वह बेहद सुंदर बनाती है. पिता का कहना है कि वह पढ़ लिखकर फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में जाना चाहती है. विभा के पिता तामेश्वर साहू को अपनी बेटी पर बेहद नाज है.

विभा पढ़ाई में है होशियार

विभा के स्कूल टीचर बताती है कि विभा पढ़ाई में बहुत होशियार है. वह अकेले ही पढ़ाई कर लेती है. उन्हें ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नहीं पड़ती. वह बस सुन बोल नहीं सकती पर उसे इशारों के जरिए समझाते हैं. जिसे वे अच्छी तरह से समझ जाती है. उनके टीचर का यह भी कहना है क उन्हें खुद विभा से बहुत कुछ सीखने को मिलता है.

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विभा की चित्रकारी ने जीता दिल

बहरहाल, विभा की चित्रकारी ने हर किसी को अपनी ओर आकर्षित किया है. वह अपनी खूबसूरत पेंटिंग्स से लोगों के बीच अलग पहचान बना रही है. जरूरत है कि विभा को नये मंच मिले, ताकि उसके इस हुनर को आगे बढ़ाया जा सके.

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