धमतरी: हाल ही में पुलिस ने यातायात सप्ताह मनाया. जिसके बाद भी जिले में लगातार हादसे हो रहे हैं. पुलिस समझ नहीं पा रही है कि आखिर इस चुनौती से कैसे निपटा जाए. ये समस्या आज की नहीं बल्कि काफी पुरानी है.
बाईपास का काम 4 साल से अधूरा:इन्ही हादसों को रोकने करीब 20 साल पहले से बाईपास सड़क की मांग उठ रही है. केंद्र सरकार ने मांग तो मान ली. बाईपास का निर्माण भी शुरू हो चुका है. लेकिन करीब 4 साल से सड़क अधूरी की अधूरी है. रायपुर से बस्तर और तेलंगाना के बीच. रोजाना हज़ारों की संख्या में ट्रक, बस और छोटे वाहन चलते हैं. जो धमतरी शहर से होकर गुजरते है और अक्सर इन वाहनों की चपेट में दोपहिया सवार आ जाते है. कोई घायल होकर अस्पताल पहुंचता है, तो किसी की दर्दनाक मौत हो जाती है. कभी एनएच 30 पर तेज रफ्तार में दो वाहन टकरा जाते है. तो कभी बाइक सवार रौंदे जाते है. धमतरी में 1 जनवरी से 30 जनवरी के बीच 36 सड़क दुर्घटना हुई है जिनमे 14 मौत हुई है. वहीं 28 घायल है.
पुलिस समीक्षा की बात कर रही:अब सवाल ये उठता है कि धमतरी में जो पुलिस और प्रशासन क्या कर रहा है. पुलिस भी इन सड़क दुर्घटनाओं से चिंतित है. हाल ही में यातायात सप्ताह मनाया गया. 7 दिनों तक अलग अलग आयोजन हुए. लोगों को जागरूकता की घुट्टी पिलाई गई. इस से पहले बड़े अधिकारी सड़क पर उतरे और ब्लैक स्पॉट ढूंढे, यातायात पुलिस लगातार सड़क पर सायरन बजती फिरती है. लेकिन इन सारी कवायदों का नतीजा शून्य ही रहा. अब पुलिस फिर से इस समस्या की समीक्षा करने की बात कह रही है.
पुलिस ध्यान नहीं दे रही :शहर के समाजसेवी शिवा प्रधान ने बताया कि "शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप है. लोग बीच सड़क पर गाड़ी खड़ी कर दे रहे हैं. पुलिस ध्यान नहीं दे रही है. चौक चौराहों पर यतायात व्यवस्थित नहीं है. बीच सड़क पर ट्रकें खड़ी रहती है. पुलिस यातायात की कोई गाड़ी भी नहीं घूमती. पूरे धमतरी शहर में यातायात ठप है."