धमतरी/कुरुद: जिले में राजाडेरा जलाशय (Rajadera Reservoir) को किसानों को पानी की सुविधा दिलाने के लिए निर्माण किया गया. लेकिन क्षतिग्रस्त होने के कारण नहरों का पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच रहा था. जिसके बाद इलाके के करीब 500 किसानों ने खुद ही फावड़ा और कुदाल उठाया और जलाशय को ठीक करने का काम शुरू कर दिया.
अमलीडीह, रेंगाडीह, कुल्हाड़ीकोट, गाड़ाडीह के तकरीबन 500 किसान क्षतिग्रस्त नहर लाइनिंग को श्रमदान कर अपने खेतों तक पानी पहुंचाने एक जुट हो गए हैं. किसानों का कहना है कि नहर के टूट जाने से लगभग 3 हजार एकड़ खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा है. इलाके में बारिश भी नहीं हो रही है. जिसकी वजह से खतों में दरारें आने लगी है. फसल सूखने की कगार पर है. लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे वे खुद अब श्रमदान कर नहर लाइन की मरम्मत कर रहे है ताकि उनके खेतों में पानी पहुंच जाए.
राजाडेरा जलाशय के क्षतिग्रस्त होने और किसानों के श्रमदान के मामले में जिले के कलेक्टर पीएस एल्मा ने कहा कि 'पब्लिक अपना संपत्ति समझ के काम कर रही है. ये अच्छी बात है. शासन से हमें जैसे ही निर्देश मिलेगा इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा'.