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solar eclipse in Dhamtari : धमतरी में ग्रहण के कारण मंदिरों के कपाट बंद

solar eclipse in Dhamtari दीपावली में लक्ष्मी पूजा के ठीक दूसरे दिन सूर्य ग्रहण रहा. ग्रहण के कई घण्टे पहले सूतक लग गया. इस दौरान सभी शुभ काम और पूजा पाठ पर भी प्रतिबंध रहता है. धमतरी में भी सभी मंदिरों के पट रहे. भगवान के भक्त बाहर से ही दर्शन के बाद लौट रहे हैं.

धमतरी में ग्रहण के कारण मंदिरों के कपाट बंद
धमतरी में ग्रहण के कारण मंदिरों के कपाट बंद

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Published : Oct 25, 2022, 1:57 PM IST

धमतरी :साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण आज है. सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि को ही लगता है. सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार मंगलवार को आंशिक सूर्य ग्रहण लगा है. दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. लेकिन इस बार गोवर्धन पूजा के दिन आंशिक सूर्य ग्रहण लगने से किसी भी प्रकार की पूजा पाठ नही किया जा रहा है. इस सूर्यग्रहण के कारण दीपावली के बाद आने वाले त्योहार की तिथियां आगे बढ़ गई (Temple closed due to solar eclipse) हैं.

मंदिर के कपाट होते हैं बंद : हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण के दिन सभी प्रमुख मंदिर देवालय के द्वार सूर्य ग्रहण खत्म होने तक बंद रखे जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सूर्य ग्रहण मंगलवार तड़के 4:29 से शुरू हो जाएगा और शाम 5:22 तक रहेगा, इस पूरे अंतराल में प्रसिद्ध मंदिरों के कपाट शाम को 6 बजे तक नहीं खुलेंगे. पंडित नारायण दुबे ने बताया कि '' हिंदू धर्म में ग्रहण को लेकर कुछ परंपराएं काफी प्राचीन समय से चली आ रही है. जैसे ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. इसके पीछे मान्यता है कि ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और सोने पर भी इसका असर पड़ता है. इन्हीं परंपराओं में से एक परंपरा है मंदिर के दरवाजे बंद किए जाना. हिंदू धर्म में मंदिरों के अलावा घर में मौजूद पूजा स्थल को भी कपड़ों से अच्छी तरह से ढक दिया जाता है.''

विंध्यवासिनी मंदिर के पट हैं बंद :इस परंपरा के पीछे कई प्रकार की धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं. धमतरी की आराध्य देवी मां विंध्यवासिनी मंदिर के पट बंद (Dhamtari vindhyavasini mandir grahan ) है. जिसकी वजह से पूरा सन्नाटा पसरा हुआ है. भक्त बाहर से ही हाथ जोड़कर लौट रहे है. हाथ जोड़ कर प्रणाम कर के लौटते रहे. धमतरी की आराध्य देवी मां विंध्यवासिनी मंदिर का पट बंद है जहां भक्त बाहर से ही प्रणाम कर लौट रहे है ग्रहण समाप्ति के बाद पंडितों द्वारा अनुष्ठान के बाद मंदिर के पट खोले जाएंगे.

सूर्यग्रहण के दौरान करें मानसिक पूजा :सूर्य ग्रहण के समय मानसिक पूजा करनी चाहिए. मानसिक पूजा में ईश्वर को स्पर्श नहीं किया जाता, मन ही मन ईश्वर का ध्यान किया जाता है. इसके साथ ही आप ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र, भगवान शिव के मंत्र आदि का जप कर सकते हैं. ऐसा करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव परिवार से दूर रहता है और ईश्वर की कृपा भी बनी रहती है.

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