धमतरी : जिले के सभी अधिकारी और कर्मचारियों ने डीए की मांग को लेकर पांच दिनों तक स्कूलों से दूरी बनाए रखी.लेकिन धमतरी के शासकीय स्कूल में जब शिक्षक और कर्मचारी वापस लौटे तो रहवासियों के गुस्से का सामना उन्हें करना (striking teachers protested in their own school in dhamtari) पड़ा. अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले शिक्षकों ने भी 5 दिनों तक स्कूल छोड़कर हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था. जिससे बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई. लेकिन धमतरी के शकरवारा गांव के शासकीय स्कूल (Government school of Shakarwara village of Dhamtari) के बच्चों ने स्कूल के सामने ही शिक्षकों को रोक दिया. करीब 1 घंटे तक बच्चों ने स्कूल के सामने ही प्रदर्शन किया. वहीं शिक्षकों को अंदर जाने से रोका भी गया.
हड़ताल करने वाले शिक्षकों का खुद के स्कूल में विरोध - Chhattisgarh news
धमतरी में पांच दिन तक हड़ताल करने के बाद स्कूल वापस लौटे शिक्षकों को पालकों के विरोध का सामना करना पड़ा (striking teachers protested in their own school in dhamtari) है.
क्यों शिक्षकों को रोका :आक्रोशित पालकों ने बताया कि '' 2 साल कोरोना के कारण बच्चों का पढ़ाई प्रभावित (Children protest in Dhamtari Shakarwara) हुई. अब हड़ताल करके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.'' करीब 1 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद शिक्षकों ने पालकों को आश्वस्त किया कि ''हड़ताल के बाद 5 दिनों तक प्रभावित हुए बच्चो के पढ़ाई को अतिरिक्त आधा घंटा बढ़ाकर पूरा किया जाएगा. जिसके बाद पालकों ने अपने बच्चे को स्कूल के अंदर भेजा.''
शिक्षकों ने क्यों की हड़ताल :दरअसल प्रदेशभर में कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन राज्य सरकार से केन्द्र सरकार की तरह महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान की अनुशंसाओं के अनुरूप गृहभाड़ा और भत्ता देने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए 5 दिनों तक सभी हड़ताल पर थे. जिसका खासा असर देखने को मिला. सरकारी दफ्तरों की कुर्सियां खाली पड़ी रही. सरकारी कामकाज ठप हो गया था. लोगों को अपने काम करवाने के लिए भटकना पड़ रहा था. यहीं नहीं शासकीय शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर भी खासा असर पड़ा. बता दें कि शकरवारा के प्राथमिक शाला में 46 बच्चे हैं. यहां पर प्रधानपाठक सहित 3 शिक्षक हैं.