धमतरी:भगवान ने प्रकृति बनाई, न जाने कितने तरह के पशु-पक्षी, जीव-जंतु इसी प्रकति की गोद में पलते हैं. कभी-कभी हम आप पशु-पक्षियों के व्यवहार से हैरान रह जाते हैं. बया ऐसा ही एक पक्षी है, जिसके घोंसले न सिर्फ खूबसूरत आर्किटेक्चर की निशानी हैं बल्कि मौसम का रुख पहचानने में भी माहिर हैं.
छत्तीसगढ़ में मानसून ने दस्तक दे दी है है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल अच्छी बारिश हो सकती है और प्रकृति भी कुछ ऐसा ही संकेत दे रही है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मानसून का सटीक अनुमान बया पक्षी भी लगा लेता है. बया को विवर बर्ड के नाम से भी जाना जाता है. ये पक्षी मानसून से पहले ही अपना घोंसला बनाना शुरू कर देता है. इस पक्षी को मानसून की अच्छी समझ भी होती है. ये चिड़िया हमेशा अपना घोंसला पूर्व दिशा की तरफ बनाती है, ताकि मानसूनी हवाओं से बच सके.
बड़ी समझदारी और खूबसूरती से बनाते हैं घोंसला
धमतरी के कई इलाकों में इन दिनों बया पक्षियों ने बड़ी संख्या में अपना घोंसला तैयार कर लिया है. ये पक्षी ऐसे स्थानों पर अपना घोंसला बनाते हैं, जहां दुश्मन भी उसे छू ना पाए. इनके अंडों को सबसे ज्यादा आंखों से खतरा होता है. इस कारण यह अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं और कांटेदार पेड़ों की लंबी शाखाओं में अपना घोंसला बनाते हैं. जहां नीचे गहरा पानी भरा होता है. बया पक्षी का घोंसला बॉटल के आकार का होता है, जो दिखने में बेहद खूबसूरत और आकर्षक होता है. पेड़ पर लटके हुए ये घोंसले लोगों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं होते.
मानसून खत्म होते ही छोड़ देते हैं घोसले
पक्षियों जानकार के मुताबिक प्रजनन काल के समय बया चिड़िया का रंग पीला होता है और बड़े होने के बाद इनका रंग भूरा होता है. प्रजनन काल के दौरान ये एक ही पेड़ पर रहते हैं और मानसून खत्म होते ही यह बच्चों के साथ अपने घोंसले को छोड़ देते हैं. मादा के मुकाबले नर बया ज्यादा सुंदर होता है.