धमतरी: देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि से अब महंगाई आसमान छूने लगी है. कीमत में हो रहे इजाफे के कारण अब इसका असर लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों पर पड़ा है. वहीं महंगाई के चलते लोगों का बजट भी बिगड़ रहा है. कोरोना काल में हर कोई परेशान है. कोरोना की मार से अब तक लोग उबर नहीं पाए हैं. ऐसे में पेट्रोल,डीजल,घरेलू गैस,खाद्य पदार्थों पर बढ़ती महंगाई ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है.
हालात यह है कि पिछले एक महीने में पेट्रोल-डीजल के दामों में 5 से 7 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है. इसके साथ ही घरेलू रसोई का सिलेंडर जो पिछले महीने 782.50 रुपये मिलता था. उसके दाम भी 70 से 80 रुपये तक बढ़ गए हैं.
कमरतोड़ महंगाई: 'कुंभकर्णी नींद में सो रही केंद्र की मोदी सरकार'
ट्रक,बस,ऑटो,मोटरसाइकल मालिक सभी परेशान हैं. पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का असर सीधे उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ रहा है.फरवरी महीने में बीते 21 दिनों का हिसाब लगाएं तो पेट्रोल के दाम 6.62 रुपये तक बढ़े हैं. जबकि डीजल के दाम 6.1 रुपये तक बढ़े हैं. वाहन चालकों का कहना है कि कोरोना के चलते वैसे ही परेशानी थी.अब डीजल के दाम ने उनके व्यवसाय को चौपट कर दिया है.मार्केट में जितना भाड़ा मिलता है वह डीजल में खर्च हो जाता है. ऐसे में जीवन कैसे चल पाएगा.
महंगाई की मार रसोई तक पहुंची
पेट्रोल और डीजल के सहारे अब महंगाई की मार रसोई तक पहुंच गई है. महिलाओं का कहना है कि महंगाई रुला रही है. घर चलाने में समस्या आ रही है.तेल,प्याज,आलू के दाम बढ़ते जा रहे हैं. जिन खाद्य पदार्थों को सस्ते दर पर ज्यादा लेते थे. आज वही पदार्थ महंगे हो गए हैं. लिहाजा घर के बजट को ध्यान में रखकर खरीददारी करनी पड़ रही है. यदि ऐसा ही रहा तो घर चलाना भी मुश्किल हो जाएगा.