धमतरी:मंगलवार को एकबार फिर स्टेशन पारा के रेलवे प्रभावित पीड़ित परिवारों ने धमतरी नगर निगम के सामने बैठकर प्रदर्शन किया और व्यवस्थापन को लेकर जमकर नारेबाजी की. एक दिन पहले स्टेशन पारा वार्डवासी बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उचित आश्वासन न मिलने से दोबारा मंगलवार को अपनी मांग को लेकर निगम का घेराव किया. पीड़ितों की मांग है कि पहले उनका व्यवस्थापन किया जाये उसके बाद ही रेलवे का कार्य शुरू हो.
धमतरी में लोगों का हल्ला बोल धमतरी में बननी है ब्रॉड गेज रेललाइन:बता दें कि, धमतरी में बड़ी रेललाइन बननी है, जिसके लिए रेलवे की जमीन पर बसे परिवारों को एक बार फिर 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है. 7 दिनों के अंदर मकान खाली करने के लिए नोटिस मिला है. जिसके कारण वार्डवासियों में हडकंप मच गया है. हालांकि नगर निगम महापौर ने प्रदर्शन कर रहे वार्डवासियों को आश्वस्त किया है कि कलेक्टर की बात रेलवे अधिकारी से हुई है. व्यवस्थापन प्रक्रिया पूरी होने तक कार्रवाई नहीं की जाएगी.
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लगातार थमाया जा रहा नोटिस:दरअसल औद्योगिक वार्ड स्टेशनपारा झुग्गी झोपड़ी वासियों का कहना है कि वे, आजादी से यहां रह रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से रेलवे प्रशासन नोटिस पे नोटिस दिए जा रहा है कि, आप रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण कर रह रहें हैं. जिससे रेलवे के प्रोजेक्ट प्रभावित हो रहे हैं.हम सभी को दो दिनों के भीतर रेलवे की जमीन खाली करवाने के लिए नोटिस दिया गया है. चूंकि नगर निगम द्वारा स्टेशन पारा के लिए व्यवस्था किया जाना था, जिसके लिए 287 आवास स्वीकृत किया गया है. जो कि अब तक अधूरा है.
लोगों ने रिहायशी सुविधा की मांग की:वार्डवासी धमतरी प्रशासन से आवेदन के माध्यम से मांग किए हैं कि महिमासागर वार्ड में स्थित आवास में सभी को रहने को व्यवस्था की जाए. उसके बाद ही उचित कार्रवाई की जाए. जब तक हमारा व्यवस्थापन नहीं हो जाता, तब तक स्टेशनपारा वासी झुग्गी-झोपड़ी वाले को घर से बेघर करना अनुचित कदम होगा.क्योकि हम सब गरीब झुग्गी झोपड़ीवासी है. हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. अभी भीषण गर्मी है फिर बारिश होना है. ऐसे में हम झुग्गी झोपड़ी वालों का जीना मुहाल हो गया है. हमारे लिए व्यवस्थापन होना बहुत ही आवश्यक है. बता दें कि लगभग 300 से ज्यादा परिवारों का घर यहां मौजूद है.
महापौर ने दिया आश्वासन:इस सम्बन्ध में नगर निगम महापौर का कहना है कि मैं इन सभी के साथ हूं. इनकी चिंता को मैं समझ रहा हूं. ऐसी परिस्थिति में जब उनका मकान टूट जाएगा तो वह क्या करेंगे. इसके लिए हम व्यवस्थापन में लगे हुए हैं. इन्हीं विषयों को लेकर कलेक्टर से मुलाकात की गई है, जिस पर कलेक्टर ने रेलवे वालों से बात कर आश्वस्त किया है कि जब तक व्यवस्थापन नहीं हो जाता तब तक कार्रवाई नहीं की जाएगी.