धमतरी/कुरुद:जिले के कुरुद क्षेत्र के बंजारी निवासी रामलाल साहू की पहचान आत्मनिर्भर गौपालक किसान के नाम से होने लगी हैं. रामलाल ने 26 साल की उम्र में नई उमंग के साथ गौ पालन करना शुरू किया था. आज उन्होंने 40 साल का सफर तय कर लिया है. आज उनके पास लगभग 60 मवेशी है, जिसमें गाय, बछड़ा, भैंस है. इनके जरिए रामलाल ने कोरोना काल में भी इस साल लगभग 5 लाख की कमाई कर ली है. न सिर्फ गौ पालन बल्कि खेती और साग-सब्जी का उत्पादन कर भी ये अच्छी-खासी आमदनी कर रहे हैं.
गौपालन में पूरा किया 40 साल का सफर
कुरुद क्षेत्र के ग्राम बंजारी में रहने वाले रामलाल साहू ने गौ पालन की शुरुआत 4 से 5 मवेशियों से की थी. 40 साल के सफर में उन्नत नस्ल के गौ पालन कर रामलाल ने खोवा और घी का व्यवसाय भी शुरू किया. जिसमें अब न सिर्फ इनका नाम धमतरी बल्कि रायपुर में भी होने लगा है.गायों के लिए हरा चारा भी घर में ही लगाया जाता है, बाकी का चारा, पशु आहार बाहर से मंगाते हैं. पशुओं के दाना की औसतन लागत 3 हजार रुपये प्रतिदिन खर्च होती है. वर्तमान में रामलाल 26 गाय, 30 बछड़ा, 4 भैंस का पालन कर रहे है, जिनसे हर रोज 60 लीटर दूध मिल रहा है. जिसमें 25 लीटर दूध का प्रतिदिन आधे किलो घी और 35 लीटर दूध भाठागांव सोसायटी और होटल में बेच रहे है. हर रोज लगभग 3 हजार रुपये की आमदनी हो रही है.
उन्नत किस्म की गाय का कलेक्शन
रामलाल साहू के पास साहीवाल, गिर, थारपारकर, एचएफ, अंगोल, रेड सिंघी नस्ल की गाय है. इन मवेशियों की देखभाल के लिए 4 से 5 मजदूर भी है, लेकिन फिर भी रामलाल हमेशा मवेशियों की सेवा में लगे रहते हैं.
गोबर और गौ-मूत्र से ऑर्गेनिक खेती
रामलाल साहू बताते है कि गोबर और गौ-मूत्र का उपयोग धान, सब्जियों की खेती में करते हैं. गोबर से गोबर गैस बनाई जा रही है. इनका कहना है कि दूध की आवक और मवेशियों के खाने का खर्च एक ही बराबर रहता है, इनकी मुख्य आमदनी उन्नत किस्म के गाय और बछिया बेचने से होती हैं. इस वर्ष 30 नग गाय, बछिया बेचकर रामलाल साहू ने 5 लाख रुपये की आमदनी हुई है. इसके अलावा इस साल घी ज्यादा मात्रा में बिका है.