धमतरी: भगवान राम ने 14 बरस के वनवास के दौरान लंबा समय छत्तीसगढ़ में बिताया था. लिहाजा भगवान राम की यादों को संजोने और इन जगहों को पर्यटन स्थल का रूप देने छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ बना रही है. जिसमें धमतरी के सिहावा पहाड़ स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम भी शामिल है. धमतरी जिले के 56 किलोमीटर एरिया को राम वन गमन पथ बनाकर करीब 14 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं. इन मार्गों में ज्यादातर पौधे लगाए जा चुके हैं, वहीं कई जगहों पर अब अभी भी पौधरोपण का काम जारी है.
राम वन गमन पथ पर पौधारोपण राज्य शासन के आदेश पर जिला प्रशासन राम वन गमन पथ क्षेत्र को विकसित करने नगरी सिहावा रोड पर 14,000 फलदार पौधों का रोपण कर रही है. यह कार्य मनरेगा के तहत किया जा रहा है. सड़क के दोनों ओर पौधरोपण किया जा रहा है, जिसे ट्री गार्ड से सुरक्षित भी किया गया है. इसके अलावा राम वन गमन पथ का स्टिकर लगाकर इस योजना प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है.
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ऐसा कहा जाता है कि धमतरी जिले में भगवान श्रीराम का आगमन वनवास काल में उत्तर सिंगपुर परिक्षेत्र पर स्थित लोमस ऋषि आश्रम, नयापारा राजिम होते हुए नवागांव, मधुबन धाम क्षेत्र में हुआ था. यहां से मगरलोड ब्लॉक के विभिन्न गांवों से होकर भगवान श्रीराम केरेगांव परिक्षेत्र और धमतरी परिक्षेत्र से होते हुए सिहावा के सोंढूर तक पहुंचे थे. इसके बाद दुधावा बांध से होकर कांकेर जिले में पहुंचे थे. इस तरह धमतरी जिले के 56 किलोमीटर क्षेत्र को राम वनगमन पथ माना गया है.
भगवान राम से जुड़ी ये मान्यता
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार सिहावा पहाड़ स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम में विराजमान श्रृंगी ऋषि ने पुत्रयेष्टि यज्ञ किया था. जिसका प्रसाद ग्रहण कर तीनों महारानी कौशिल्या, कैकेयी और सुमित्रा ने अपने गर्भ में राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन को धारण किया था. राज्य सरकार प्रदेश के राम वनगमन क्षेत्र को हरा भरा बनाने की कवायद में जुटी है. वहीं जहां जहां श्री राम गुजरे हैं उस क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है.