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महिला दिवस : 11 साल की उम्र से पंडवानी गा रहीं, संजोकर रखना है उद्देश्य

धमतरी के सिहावा की पंडवानी गायिका जो इसके जरिए छत्तीसगढ़ की लोक कला और संस्कृति को बचाए रखना चाहती है. पंडवानी गायिका खेमीन यादव 11 साल की उम्र से ही पंडवानी कर रही है.

Pandwani singer of Sihawa Dhamtari
पंडवानी गायिका

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Published : Mar 8, 2020, 11:29 AM IST

Updated : Mar 9, 2020, 5:15 PM IST

धमतरी : पंडवानी का जिक्र होते ही तीजन बाई का नाम सबसे पहले जहन में आता है. इनसे प्रेरित होकर 11 साल की उम्र से ही इस लोक कला को आगे बढ़ाते हुए खेमीन यादव ने पंडवानी गायन शुरू किया था. धमतरी जिले की खेमीन इस लोक कला को प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों तक पहुंचाने का काम कर रही है.

पंडवानी गायिका खेमीन यादव से ETV भारत की बातचीत

धमतरी के सिहावा की रहने वाली खेमीन यादव 11 साल की उम्र से ही पंडवानी गायन कर रही हैं. उनका पूरा परिवार पंडवानी गायन में उनका साथ दे रहा है. खेमीन बताती है कि वह तीजन बाई को पंडवानी गाते देखती थी तो उनका भी मन हुआ कि वह भी पंडवानी गायन करें. उनके पिता और शिक्षकों ने उनका हौसला बढ़ाया और खेमीन का पंडवानी गायन का सफर शुरू हुआ. इस बाद खेमीन ने लगातार अनेक मंच पर पंडवानी की प्रस्तुति दी. ओडिशा और महाराष्ट्र में भी खेमीन लोक कला की प्रस्तुति दे चुकी हैं.

लोक कला को बचाए रखना है चुनौती

खेमीन बताती है कि आज के समय में जहां फिल्मी गीतों का लोगों पर खास प्रभाव है ऐसे में लोक कला बचाए रखना एक चुनौती की तरह है. ऐसे में पंडवानी के प्रसंगो को रोचक रुप से प्रस्तुत कर वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को बांधने का प्रयास करती है. उनका कहना है कि आधुनिक समय में भी पंडवानी को बचाए रखने में वह हर संभव प्रयास कर रही है और आगे भी करते रहेंगी.

पूरा परिवार देता है साथ

पंडवानी गायन के लिए खेमीन का पूरा परिवार उनका साथ देते हैं. पिता रागी का काम करते हैं और अन्य सदस्य वाद्ययंत्रों में सुर मिलाते है. वे बताती है कि पंडवानी का माहौल उन्हें घर से ही मिला है. पिता तकरीबन 18 सालों से पंडवानी से जुड़े थे इसलिए उनका झुकाव भी हुआ. खेमीन यादव ज्यादातर मंचों में बकासुर वध प्रसंग का गायन करती है उनका कहना है कि 'लोग वीर रस और रौद्र रस वाले प्रसंगों को ज्यादा पंसद करते है.'

खुद सामने आकर ही बढ़ सकती है नारी

महिला दिवस पर खेमीन ने प्रदेश की सभी महिलाओं से कहा कि भारत को पुरुष प्रधान देश कहा जाता है ऐसे में महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए खुद ही आगे आना होगा. अभी राज्य सरकार और केंद्र सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने उनको सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है. महिलाओं को उनका लाभ लेते हुए आगे बढ़ना चाहिए.

Last Updated : Mar 9, 2020, 5:15 PM IST

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