धमतरी:शहर में पुराने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के ठीक बाजू अब एक नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा. इसके पहले नए प्लांट से लेकर शहर तक करीब 84 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जानी है. पाइप लाइन बिछाने का काम अगले सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है. इस तरह पानी की समस्या से जूझ शहर के लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है.
मौजूदा वक्त में शहर के गोकुलपुर वार्ड में करीब 10.50 लाख लीटर पानी टंकी बनाने का काम शुरू हो गया है. इसके अलावा अधारी नवागांव में 13.50 लाख लीटर और सुभाष नगर के कांटा तालाब किनारे 14.50 लाख लीटर क्षमता वाले दो और नई टंकी बनाई जाएगी. इसके लिए सम्बंधित कंसट्रक्शन कंपनी को 2 साल में काम पूरा करना होगा.
नए प्लांट से दूर हो सकती है समस्या
दरअसल साल 2013 में नगर निगम ने 36 करोड़ की लागत से 14.7 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लान बनाया था. इससे शहर के 40 वार्डों के 9 ओवरहेड टंकी जुड़ी है. वहीं तकरीबन डेढ़ लाख आबादी को सुबह-शाम पानी दी जा रही है, लेकिन इसके बाद शहर के कई वार्डों में पेयजल आपूर्ति की समस्या बनी हुई है. अब नए प्लांट बनने से पानी की समस्या दूर होने की संभावना है.
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15 वार्डों में पाइप लाइन बिछाने का काम अधूरा
भागीरथी नल जल योजना के तहत शहर के करीब 40 वार्डों में 54 किलोमीटर पाइप लाइन डालकर 20 हजार नल कनेक्शन दिए गए हैं. रोजाना औसतन 80 से 85 लाख लीटर पानी लोगों के घरों में दिया जाता है. शहर के करीब 15 वार्डों में पाइप लाइन बिछाने का काम अधूरा है. ऐसे में जिन वार्डों में पाइप लाइन अधूरा है, वहां भरपूर मात्रा में पानी नहीं आ रहा है.
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'पुराने प्लांट के बगल में बनेगा नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट'
नगर निगम अब 84 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाकर सभी घरों तक नल कनेक्शन देगी. इसके अलावा रुद्री और अर्जुनी को भी पानी दिया जाएगा. इससे करीब 15 हजार लोगों को फायदा होगा. नगर निगम सभापति की माने तो नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पुराने प्लांट के बगल में बनेगा. करीब 84 किलोमीटर पाइप लाइन ही बिछाया जाएगा और नए प्लांट से लोगों की पानी की समस्या से निजात मिल सकेगा.
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भविष्य की आबादी को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा
बहरहाल यह प्लांट अगले 25 से 30 साल तक बढ़ी आबादी की जरूरतों के हिसाब से बनाया जा रहा है. ऐसे में नए और पुराने प्लांट को मिलाकर अब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कुल क्षमता 23 एमएलडी हो जाएगी. ऐसे में उम्मीद है कि आम लोगों को पानी जरुरतों के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा.