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नगर सरकार : धमतरी में निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज, बागी बिगाड़ सकते हैं समीकरण

जिले के वरिष्ठ लोगों का मानना है कि अगर प्रमुख दलों से अच्छे चेहरे नहीं उतरे, तो दोनों दलों से बगावत होना तय है. वहीं भाजपा और कांग्रेस अभी से अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.

धमतरी नगर निगम

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Published : Oct 10, 2019, 2:54 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 3:29 PM IST

धमतरी: नगर निगम चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. धमतरी निगम OBC वर्ग के लिए आरक्षित है. ऐसे में भाजपा-कांग्रेस में इस वर्ग के नेता अब सक्रिय हो चुके हैं.

धमतरी में निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज

जिले के वरिष्ठ लोगों का मानना है कि अगर प्रमुख दलों से अच्छे चेहरे नहीं उतरे, तो दोनों दलों से बगावत होना तय है. वहीं भाजपा और कांग्रेस अभी से अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.

सामान्य वर्ग के नेता निराश
करीब डेढ़ लाख की जनसंख्या वाला धमतरी जिला एक बार फिर निकाय चुनाव के लिये तैयार हैं. महापौर सीट पर बैठने का सपना देखने वाले सामान्य वर्ग के नेता इस दौड़ से ही बाहर हो चुके हैं. शहर में मेन चर्चा का विषय यह है कि भाजपा और कांग्रेस से महापौर उम्मीदवार कौन होगा? सभी की नजर उम्मीदवारों के नामों पर टिकी है और इस चर्चा में बगावत होने की आशंकाएं भी शामिल हैं.

जनता के भरोसे है महापौर की किस्मत
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में हुई खुली बगावत का नतीजा कांग्रेस को हार के तौर पर मिला. वहीं इस चुनाव में ये पता चला कि जिले की जनता अब निर्दलीय को भी बड़े पैमाने पर वोट दे सकती है.

पढ़ें- धमतरी में निकाय चुनाव के लिए सीटें आरक्षित, ऐसा बना है नया समीकरण

कांग्रेस को नहीं मिली नगरीय निकाय की कुर्सी
धमतरी निगम में कुल 40 वार्ड हैं. पांच साल पहले ये नगर पालिका से निगम बना और भाजपा की अर्चना चौबे यहां की पहली महापौर निर्वाचित हुईं. निगम बनने से 130 साल पहले ही धमतरी नगर पालिका बन चुकी थी और यहां कभी भी कांग्रेस जीत कर सत्ता में नहीं आ सकी. जब से चुनाव हो रहे हैं तब से जनसंघ और बाद में भाजपा ही कुर्सी पर बैठते आई है. इस तरह से धमतरी नगर निगम आज तक भाजपा का अजेय किला है, लेकिन प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस के सत्ता में लौटना भी इस बार महत्वपूर्ण है.

Last Updated : Oct 10, 2019, 3:29 PM IST

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