धमतरी: गर्मी के मौसम में एक तरफ जब शहर समेत अनेक गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है, तो दूसरी ओर धमतरी जिले के ग्राम पंचायत भटगांव जैसे गांव भी हैं. जहां मात्र 8 से 10 फीट की गहराई में पानी मिल जाता है. साढ़े चार हजार की आबादी वाले इस गांव में लगभग सभी घरों में एक से पांच कुएं हैं. लोगों ने मनमाफिक गोल, चौकोर आकृति के कुएं बना रखे हैं. गांव में 850 से ज्यादा कुएं (Well) हैं. भीषण गर्मी में भी यहां एक भी कुआं नहीं सूखता. जल की उपलब्धता दूसरे गांवों के मुकाबले काफी समृद्ध है. यही वजह है कि कुएं गांव की पहचान भी बन चुके हैं.
पानी का कोई संकट नहीं
जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत भटगांव पानी के मामले में अन्य गांवों से समृद्ध है. पानी को लेकर यहां लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होती. आज तक यहां कभी पानी की किल्लत नही हुई. गांव में लगभग सभी घरों में एक से पांच कुएं हैं. लोगों ने मनमाफिक गोल, चौकोर आकृति के कुएं बना रखे हैं. गांव में 850 से ज्यादा कुएं हैं. भीषण गर्मी में भी यहां एक भी कुआं नहीं सूखता. गांव में पेयजल के लिए नलजल योजना भी संचालित की जाती है. वहीं पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 38 नलकूप भी हैं, लेकिन ज्यादातर लोग कुएं के पानी से निस्तारी करते हैं.
गांव में 850 से ज्यादा कुएं
इस गांव को जिले में सबसे ज्यादा कुएं होने गौरव भी मिला है. इस गांव में करीब 850 से अधिक कुएं है. यानी हर घर में एक या दो कुएं हैं. इसी कुएं के पानी से गांव के लोग निस्तारी के अलावा बाड़ियों और खेतों में सिंचाई करते हैं. वही कुएं का ताजा पानी अधिकांश घरों में उपयोग होता है. इससे महिलाओं को पानी भरने की समस्याओं का सामना करना नहीं पड़ता है. वहीं समय की बचत भी होती है. यही नहीं जब कभी भी गांव में किसी का कोई नया घर बनाता है तो सबसे पहले कुएं का निर्माण कराया जाता है या फिर उसके लिए जगह छोड़ देते हैं ताकि बाद में कुआं बनाया जा सके.
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