दरअसल, जिले में कुल 55 मीसाबंदी थे, जिनमें से अब सिर्फ 29 मीसाबंदी ही जीवित बचे हैं बाकि 26 मीसाबंदियों का निधन हो चुका है. ऐसे में जीवित मीसाबंदियों के पेंशन को बंद करने से उनका जीवन प्रभावित हो रहा है. पेंशन बंद कर दिए जाने पर मीसाबंदियों की कहना है कि सिर्फ उनके पेंशन पर पूरा परिवार निर्भर है. इस योजना के बंद होने से परिवार के सामने बड़ा संकट खड़ा हो सकता है.
धमतरी : मीसाबंदियों पर मंडरा रहा संकट का साया
धमतरी : प्रदेश सरकार द्वारा मीसाबंदियों की पेंशन बंद करने के फैसले से नगर में कई परिवारों पर आर्थिक संकट का साया मंडराने लगा है. ऐसे परिवारों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है और पेंशन को फिर से शुरू करने के लिए एक संयुक्त आवेदन भी दिया है.
मीसाबंदी
बता दें कि 1975 में आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों के लिए भाजपा सरकार ने जयप्रकाश सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी, जिसे हाल ही में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने रोक लगा दिया है और सरकार ने भौतिक सत्यापन के निर्देश भी दे रखे हैं. इधर, जिला प्रशासन ने इन मीसाबंदियों के भौतिक सत्यापन के बाद फिर से सम्मान निधि का लाभ दिलाने की बात कह रही है.