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धमतरी में चमत्कार !: मृत पैदा हुई बच्ची को एंबुलेंसकर्मी ने दिया मुंह से ऑक्सीजन, बच्ची हुई जिंदा - धमतरी जिला असपताल के एसएनसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट

धमतरी में सोमवार को चमत्कार (Miracle in Dhamtari ) हुआ. यहां एक बच्ची का जन्म हुआ. वह मृत अवस्था में थी. उसके बाद 102 एंबुलेंस में तैनात कर्मियों ने बच्ची को मुंह से सांस देने की कोशिश की. फिर नवजात को कार्डिएक मसाज दिया गया. इसके थोड़ी देर बाद बच्ची जीवित हो गई.

Miracle in Dhamtari
धमतरी मे नवजात मृत बच्ची हुई जिंदा

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Published : Mar 7, 2022, 6:52 PM IST

Updated : Mar 7, 2022, 9:57 PM IST

धमतरी: धमतरी में एंबुलेंस सेवा महतारी एक्सप्रेस के कर्मियों की सूझ बूझ से एक (Ambulance workers Mahtari Express breathed mouth to dead newborn girl) नवजात की जान बच गई. पूरी घटना धमतरी के मगरलोड ब्लॉक के केकरा खोली गांव की है. यहां के दुर्गम जंगली इलाके में महिला कुलेश्वरी को(newborn girl alive baby girl alive) प्रसव पीड़ा हुई. घरवालों ने मितानिन को बुलाया. प्रसव के बाद बच्ची का जन्म हुआ. लेकिन नवजात बच्ची की, न तो सांस चल रही थी और न ही धड़कन चल रही थी. इसी बीच महतारी एक्सप्रेस को बुलाया गया. महतारी एक्सप्रेस गांव पहुंची. तब मितानिनों ने नवजात बच्ची की हालत के बारे में उन्हें बताया. बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए जच्चा और बच्चा दोनों को एंबुलेंस के जरिए धमतरी जिला अस्पताल लेकर महतारी एक्सप्रेस रवाना हुई.

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ईएमटी सरजू राम ने बचाई नवजात बच्ची की जान

इस बीच एंबुलेंस कर्मी ईएमटी सरजू राम को एक मेडिकल आइडिया दिमाग में आया. उसने बच्ची को मुंह से सांस देने की कोशिश की. फिर नवजात के नाक में भरे पानी को निकाला. जिससे नवजात की सांस नली खुल गई. फिर दोबारा बच्ची को मुंह से सांस दिया गया. इस दौरान नवजात को कार्डिएक मसाज भी दिया गया. इतना सब करने के बाद बच्ची की धड़कन चलने लगी. वह सांस लेने लगी और रोने लगी. इस तरह एंबुलेंस कर्मियों की सूझ बूझ से बच्ची की जान बच सकी. फिलहाल नवजात बच्ची को धमतरी जिला असपताल के एसएनसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. बच्ची की मां कुलेश्वरी देवी भी अस्पताल में भर्ती हैं

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एंबुलेंस स्टाफ को इमरजेंसी ट्रेनिंग दी जाती है- सीएमएचओ डी के तुर्रे

इस पूरे मामले में धमतरी जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉक्टर डी के तुर्रे ने बताया कि, ''हम लोग 102 एंबुलेंस स्टाफ को इस तरह की इमरजेंसी ट्रेनिंग देते हैं. उन्होंने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद शुरू के पांच मिनट कापी अहम होते हैं. बच्चा पैदा होते ही न रोए या सांस न ले तो फौरन सीपीआर देकर उसको बचाया जा सकता है. अगर 5 मिनट से ज्यादा का वक्त बीत जाए तो बच्चे के रिवाइवल और सर्वाइवल के चांस कम होते जाते हैं. ताजा मामले में 5 मिनट से ज्यादा का वक्त हो चुका था. फिर भी बच्ची बच गई ये चमत्कार की तरह कहा जा सकता है".

Last Updated : Mar 7, 2022, 9:57 PM IST

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