धमतरी: बुधवार को धमतरी में काल भैरव जयंती मनाई गई. इतवारी बाजार स्थित काल भैरव मंदिर में विभिन्न आयोजन किया गया था. भक्तों की भारी भीड़ यहां उमड़ी. मंदिर में श्रृंगार पूजन, महाप्रसादी वितरण, महाआरती और भजन संध्या कार्यक्रम आयोजित किया गया. जानकारी के अनुसार धमतरी के कोतवाल कहे जाने वाले श्री काल भैरव जी का मंदिर दशकों पुराना है. भक्तों की अपार श्रद्धा और काल भैरव के प्रति आस्था के कारण यहां प्रतिवर्ष जन्मोत्सव को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. Kaal Bhairav Jayanti in dhamtari
काल भैरव की जयंती का महत्व:दरअसल हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीना के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव अष्टमी मनाई जाती है. माना जाता है कि इसी दिन काल भैरव का अवतरण हुआ था. जो भक्त काल भैरव की पूजा करते हैं. उनके प्रति इनका स्वभाव दयालु और कल्याणकारी होता है. वहीं अनैतिक कार्य करने वालों को काल भैरव दंड भी देते हैं. इसलिए इन्हें दंडाधिपति के नाम से भी जाना जाता है. भगवान शिव के कई रूपों में काल भैरव भी एक है. पौराणिक कथाओं के अनुसार काल भैरव को भगवान शिव का विक्राल, रौद्र और उग्र रूप माना गया है. क्योंकि इनकी उत्पत्ति शिवजी के क्रोध से हुई है.
काल भैरव से जुड़ी पौराणिक कथा: काल भैरव के जन्म से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान ब्रह्मा जी और शिवजी में बहस छिड़ गई कि दोनों देवताओं में सबसे श्रेष्ठ कौन है. इसे लेकर ब्रह्मा जी और शिव जी के बीच विवाद हुआ. तब इस विवाद को सुलझाने के लिए सभी देवताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए. सभी का समर्थन भगवान शिव को प्राप्त हुआ.