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धमतरी: कोरोना वायरस से लड़ने का मैसेज दे रहे लंबोदर - धमतरी में गणेश पूजा

देशभर में पूरे हर्षोउल्लास के साथ गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. इस बार गणेश उत्सव कुछ अलग नजर आ रहा है. कोरोना वायरस के मद्देनजर इस बार गणेश की प्रतिमा को विशेष तरीके से बनाया गया है.

idol of lord ganesha fighting with corona
कोरोना को पैरों से कुचलते गणेश प्रतिमा

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Published : Aug 22, 2020, 3:53 PM IST

धमतरी: देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. कोरोना काल में इस बार भगवान गणेश की प्रतिमा को बेहद आकर्षक स्वरूप दिया गया है. प्रतिमा में कोरोना वायरस को राक्षस के रूप में दिखाया गया है और भगवान गणेश जी कोरोना वायरस को मारते हुए नजर आ रहे हैं, जो इस बार भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा. भगवान गणेश को मंगलमुखी भी कहा जाता है. लोगों को उम्मीद है कि विघ्न हर्ता इस कोरोना महामारी से निजात दिलाएंगे.

कोरोना को पैरों से कुचलते गणेश प्रतिमा

मूर्तिकारों ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए गणेश प्रतिमा को विशेष तरीके से बनाया है. मूर्ति में गणेश जी कोरोना को अपने पैरों से कुचलते दिखाई दे रहे हैं. मूर्तिकार उत्तम कुंभकार ने बताया कि जनता की डिमांड पर इस तरीके की मूर्ति बनाई गई है. इसमें भगवान की प्रतिमा को अलग तरीके से सजाया गया है.

पढ़ें: जड़ी-बूटियों से बने 'आयुर्वेदिक गणपति', कोरोना काल में दे रहे काढ़ा पीने का संदेश


कोरोना से बचाव का संकेत देती गणेश प्रतिमा
मूर्तिकारों ने कोरोना से बचाव के लिए लोगों को संदेश देने, भगवान गणेश जी को ऐसा स्वरूप दिया है. भगवान गणेश की प्रतिमा के माध्यम से दर्शाया गया है कैसे खुद को इस महामारी से बचाना है. मूर्ति को सैनिटाइजर पकड़े और मास्क लगाए हुए भी बनाया गया है. इसके अलावा कांच के टुकड़ों से सजे गजानन की मूर्ति भी बनाई गई है, जो बेहद आकर्षक लग रही है. भक्तों का कहना है कि इस बार वे गणेश उत्सव के अवसर पर भगवान से कोरोना संक्रमण को पूरी तरह खत्म करने की प्रर्थना करेंगे.

कोरोना का मूर्तिकारों के आजीविका पर असर

गणेश चतुर्थी पर जहां लोग खुश नजर आ रहे हैं, वहीं मूर्तिकारों में इस बार निराशा है. मूर्तिकारों ने गणेश की आकर्षक प्रतिमाएं तो बनाईं, लेकिन इन्हें खरीदने के लिए बाजार में ग्राहक बेहद कम हैं. महामारी से बचने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा होने से रोका जा रहा है, लिहाजा प्रशासन ने गणेश मूर्ति स्थापना और पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन के मुताबिक इस साल बड़ी मूर्तियों की स्थापना पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके साथ ही बड़े पंडाल लगाने पर भी रोक लगा दिया गया है. इसका सीधा असर उन मूर्तिकारों के आजीविका पर पड़ा है, जो मूर्ति बनाकर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं.

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रायपुर के हर्बल गणेश
राजधानी रायपुर में हर साल इको फ्रेंडली गणेश की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार शिवचरण यादव ने इस बार जड़ी-बूटियों और मसालों से भगवान लंबोदर को आकार दिया है. कोरोना महामारी से बचने और इम्यून पावर बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियों से बने काढ़ा को कारगर माना जा रहा है. काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी, हल्दी, इलायची, लौंग सहित 3-4 जड़ी-बूटियों को मिलाकर काढ़ा बनाया जाता है. कोरोना से बचने इस संजीवनी उपाय को ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार शिवचरण ने भी लोगों को काढ़ा पीने का संदेश देते हुए काढ़ा वाले गणपति बनाए हैं. सिर्फ काढ़ा बनाने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली जड़ी-बूटियों से ही इस हर्बल गणपति बनाए गए हैं. पहली बार ऐसी मूर्ति बनाई गई है. इसके अलावा छोटी मूर्तियां भी बनाई गई है, जिनको बनाने में मौली(धागा), लकड़ी, धान और मसालों का इस्तेमाल किया गया है.

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