धमतरी: ये रंग और फाग सुनकर आप हैरान हों इससे पहले हम आपको बता दें कि धमतरी के सेमरा गांव के लोग एक हफ्ते पहले ही होली खेल लेते हैं. सप्ताह भर पहले त्योहार मनाने की जो परंपरा सालों से चली आ रही है, वो आज भी यहां के लोग निभा रहे हैं. सेमरा में रहने वाले लोगों का कहना है कि वे सभी त्योहार एक हफ्ते पहले मना लेते हैं.
SPECIAL: एक हफ्ते पहले रंग और फाग में डूबा सेमरा, आखिर क्या है कहानी
सप्ताह भर पहले त्योहार मनाने की जो परंपरा सालों से चली आ रही है, वो आज भी यहां के लोग निभा रहे हैं. सेमरा में रहने वाले लोगों का कहना है कि वे सभी त्योहार एक हफ्ते पहले मना लेते हैं.
यहां रहने वाले लोगों की मानें,तो जब भी उन्होंने ये परंपरा तोड़ने की कोशिश की कुछ न कुछ अनहोनी हो गई. सेमरा में दूर-दूर से लोग यहां की होली देखने आते हैं.ग्रामीण बताते हैं कि सालों पहले इस गांव में देवता सिदार देव ने किसी के सपने में आकर कहा था कि हर त्योहार मनाने से पहले उन्हें पूजा करना जरूरी है और हर त्योहार को एक सप्ताह पहले मनाना जाए तभी से लोग अपने देवता को खुश करने के लिए हर त्योहार हफ्तेभर पहले मनाते आ रहे हैं, जो अब एक परंपरा बन गई है.
अब तक किसी ने भी जमाने से चली आ रही परंपरा को तोड़ने की कोशिश भी नहीं की. यहां के युवा भी बड़ों की मान कर उनका कहा करते आ रहे हैं. सिदार देव के नाम से भी कहानी प्रचलितहै. बताया जाता है कि सालों पहले सिदार नाम के एक पुरुष घोड़े पर सवार होकर सेमरा में अखाड़ा खेलने आया करता था. उस समय गांव घनघोर जंगल के बीच बसा था. जंगली जानवरों के आतंक से सिदार ने गांव की रक्षा की थी. उनके मृत्यु के बाद गांव के लोग उनकी पूजा करने लगे और तब से सिदार के आराध्य देव हैं. फिलहाल देश भले ही 21 मार्च को रंग खेले, सेमरा के लोग तो एक हफ्ते पहली ही जी भर कर झूम लिए.