धमतरी: ETV भारत के खास मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' का अब असर दिखने लगा है. इसी कड़ी में एक जनहित याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने महानदी में संचालित हो रही सभी रेत खदानों को निरस्त कर दिया है.
हाईकोर्ट ने रेत खनन पर लगाया लगाम जिले में तकरीबन 12 खदानें संचालित हो रही है. जहां दिन रात अवैध तरीके से रेत निकाली जाती है, जबकि बदस्तूर रेत निकाले जाने का नतीजा है कि महानदी अपने ही गृह जिले में एक-एक बूंद पानी के लिए मोहताज हो रही है.
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उच्च न्यायालय में दिया आदेश
दरअसल राज्य में नई सरकार बनने के बाद एनजीटी द्वारा जिला स्तर पर अप्रैल 2018 में गठित समितियों को भंग कर दिया गया था. इसके बाद इन समितियों द्वारा विभिन्न खदानों को जारी किए गए एनओसी भी शून्य हो गई थी, लेकिन जिला प्रशासन उन खदानों को फिर से पीट पास जारी कर दिया था, जिसके बाद इसी को आधार बनाकर याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई, जिस पर उच्च न्यायालय ने आदेश को यथावत रखते हुए तत्काल पालन के लिए निर्देश जारी किए हैं.
रेत खदान तत्काल प्रभाव से निरस्त
बता दें कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने धमतरी में स्वीकृत सभी रेत खदानों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश दिया है. यह आदेश जज के अग्रवाल और चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेमन की युगल पीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.