धमतरी:घर-घर कचरा कलेक्शन करने वाली ग्रीन आर्मी स्व सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शासन-प्रशासन समेत गांव के जनप्रतिनिधि भी उनकी समस्याओं को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. उन्हें किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल पा रही है. जिसके चलते धमतरी के खपरी पंचायत की ग्रीन आर्मी की महिलाओं ने कलेक्टर का दरवाजा खटखटा कर मदद की गुहार लगाई है.
ग्रीन आर्मी की महिलाओं को 5 साल से नहीं मिल रहा मेहनताना गुरुवार को ग्रीन आर्मी की 18 महिलाएं कलेक्टर पीएस एल्मा से मिलने पहुंचीं. महिलाओं ने कलेक्टर को लिखित आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई है. जिससे उन्हें परिवार चलाने में सहायता मिल सके.
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घर चलाना भी हुआ मुश्किल
ग्रीन आर्मी की अध्यक्ष जामुन बाई ने बताया कि वे लोग पिछले 5 साल से खपरी गांव में घर-घर जाकर कचरा कलेक्शन का काम कर रही हैं. गांव को स्वच्छ बनाने में योगदान दे रही हैं, लेकिन उन्हें इस मेहनत के एवज में आज तक एक रुपए भी नहीं मिला है. जिससे घर और परिवार चलाने में आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है. सुबह उठकर हाथ में कंडम रिक्शा लेकर घर-घर कचरा कलेक्शन तो कर लिया जाता है. लेकिन उन्हें ना ही शासन-प्रशासन का सहयोग मिल रहा है और ना ही गांव के जनप्रतिनिधि भी इस ओर रुचि दिखा रहे हैं. महिलाओं ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है. जिससे उन्हें परिवार चलाने में सहायता मिल सके.
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भुगतान करना पंचायत और ग्रामीणों की जिम्मेदारी: केलक्टर
वहीं इस संबंध में धमतरी कलेक्टर पीएस एल्मा ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (swachh bharat mission) के अंतर्गत गांवों में महिलाएं कचरा इकट्ठा करती हैं. उन्हें हर घर 10 से 20 रुपए तक ग्राम पंचायत की ओर से निर्धारित पर भुगतान कर दिया जाता है. स्व. सहायता समूह की जिम्मेदारी होती है कि वह घर-घर से कचरा उठाने के एवज में पैसा वसूल करे.