धमतरी: वैश्विक महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में स्वच्छता और स्वास्थ्य एक अहम पहलू है, लेकिन कुरूद नगर पंचायत में एक जगह का कचरा दूसरी जगह डंप किया जा रहा है, जिससे सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं. नगर पंचायत का कचरा ग्रामीण क्षेत्र में डंप किया जा रहा है. मनमाने तरीके से कचरे को डंप किए जाने से ग्रामीण और राहगीर परेशान हैं.
कुरुद में स्वच्छता मिशन के तहत घर-घर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है. शहर से प्रतिदिन लगभग दो टन कचरा निकलता है, जिसे कन्हारपुरी स्थित खाली घास की भूमि पर डाल दिया जाता है. लंबे समय से कचरे की डंपिंग की वजह से सड़क से होकर गुजरने वाले राहगीर बदबू और गंदगी से परेशान हैं.
गांव में कर रहे कचरा डंप
रोड के किनारे डंप कचरे में पॉलीथिन, प्लास्टिक जैसी चीजें भी शामिल हैं. जिसे रोड पर घूम रहे मवेशी अपना चारा बना रहे हैं. कन्हारपुरी रोड पर जमा कचरा मानव जाति के साथ-साथ मवेशियों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि नगर पंचायत कुरूद शहर से कचरा उठाकर ग्रामीण क्षेत्र को गंदा कर रहा है.
पढ़ें: Special: सफाईकर्मियों को मिले अतिरिक्त बोनस, कोरोना के बीच जिम्मेदारी निभा रहे हैं कोरोना वॉरियर्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. मिशन के तहत भारत में सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रामीण भारत में 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक स्वयं को "खुले में शौच से मुक्त" (ओडीएफ) घोषित किया. इसके साथ ही ठोस और तरल अपशिष्टों का अलग-अलग संग्रहण किया जा रहा है.