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किसानों के लिए सोसायटी की दूरी बनी मुसीबत, प्रशासन से की ये मांग

सोसायटियों के परिसीमन के बाद धान खरीदी केंद्रों की दूरियां किसानों के लिए मुसीबत बन गई है. किसानों ने इसके लिए प्रशासन से मांग की है कि, रिसगांव धान खरीदी केंद्रों में करही का नाम सम्मलित किया जाए.

सोसायटी की दूरी बनी किसानों के लिए मुसीबत

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Published : Oct 25, 2019, 7:39 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 8:11 PM IST

धमतरी:जिले में सोसायटियों का परिसीमन किसानों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. किसान अब तक जहां धान बेचते आए हैं, अब उसकी जगह किसी दूसरी सोसायटी में जाकर उन्हें अपना धान बेचना पड़ेगा. इस तरह कई धान खरीदी केंद्रो की दूरियां बढ़ गई हैं, तो वहीं इसे बड़ी समस्या के रूप में देखा जा रहा है.

किसान कर रहे खरीदी केंद्र में नाम जोड़ने की मांग

दरअसल वनांचल इलाके के ग्राम करही के किसानों को अब धान बेचने तकरीबन 70 किलोमीटर दूर सांकरा गांव जाना पड़ेगा. किसानों का कहना है कि, गांव के नजदीक रिसगांव में बीते साल से धान खरीदी केंद्र खोला गया है. लेकिन खरीदी केंद्र नजदीक होने के बावजूद गांव का नाम अब सांकरा सोसायटी में दर्ज नहीं किया गया है.

खरीदी केंद्र में नाम जोड़ने की मांग
किसानों का कहना है कि, 'सरकार ने 15 नवंबर से धान खरीदी की घोषणा की है. ऐसे में रिकॉर्ड संधारण के लिए अब महज 25 दिन रह गए हैं. किसानों ने एक बार फिर जिला प्रशासन से मांग की है कि, जल्द से जल्द सोसाइटी से रिकॉर्ड मंगा कर रिसगांव धान खरीदी केंद्रों में करही का नाम सम्मलित किया जाए.

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प्रशासन ने दिया आश्वासन
बहरहाल जिला प्रशासन ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए शासन को अवगत कराने के साथ समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया है.

Last Updated : Oct 25, 2019, 8:11 PM IST

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