धमतरी: प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी को जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रिस्पांस नहीं मिल रहा है. सरकार के निर्देश पर यहां गोबर खरीदी शुरू कर दी गई है. पशुपालक इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. पशुपालक अपने ही घरों में गोबर से खाद तैयार कर रहे हैं. पशुपालक गोबर बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे है.
धमतरी में मवेशियों की संख्या 2 लाख 97 हजार है. औसतन हर घर में एक से दो मवेशी है. धमतरी के ज्यादातर पशुपालक अपने घरों में या बाड़ी में गोबर से खाद बनाते हैं. खाद बनने के बाद उसे खेतों में डालते हैं. इसके अलावा इन्हीं गोबर से कंडे भी बनाते हैं. कंडों का इस्तेमाल आग जलाने के लिए किया जाता है. यही वजह है कि अधिकांश पशुपालक गोबर खरीदी योजना से नहीं जुड़ पा रहे हैं. किसानों का मानना है कि इससे उनका ही नुकसान होगा, क्योंकि गोबर बेचने से उन्हें महज 2 रुपए मिलेंगे. वहीं खुद से खाद बनाते हैं तो अधिक दाम में गोबर खाद खरीदना नहीं पड़ेगा.
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