छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

धमतरी: 'गोधन न्याय योजना' की ओर रूचि नहीं ले रहे किसान

धमतरी के पशुपालक गोधन न्याय योजना में रूचि नहीं ले रहे हैं. पशुपालक अपने ही घरों में गोबर से खाद तैयार कर रहे हैं.

Farmers are not interested in godhan nyaya yojana
किसान नहीं ले रहे रूचि

By

Published : Aug 14, 2020, 5:45 AM IST

धमतरी: प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी को जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रिस्पांस नहीं मिल रहा है. सरकार के निर्देश पर यहां गोबर खरीदी शुरू कर दी गई है. पशुपालक इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. पशुपालक अपने ही घरों में गोबर से खाद तैयार कर रहे हैं. पशुपालक गोबर बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे है.

पशुपालक गोधन न्याय योजना में रूचि नहीं ले रहे

धमतरी में मवेशियों की संख्या 2 लाख 97 हजार है. औसतन हर घर में एक से दो मवेशी है. धमतरी के ज्यादातर पशुपालक अपने घरों में या बाड़ी में गोबर से खाद बनाते हैं. खाद बनने के बाद उसे खेतों में डालते हैं. इसके अलावा इन्हीं गोबर से कंडे भी बनाते हैं. कंडों का इस्तेमाल आग जलाने के लिए किया जाता है. यही वजह है कि अधिकांश पशुपालक गोबर खरीदी योजना से नहीं जुड़ पा रहे हैं. किसानों का मानना है कि इससे उनका ही नुकसान होगा, क्योंकि गोबर बेचने से उन्हें महज 2 रुपए मिलेंगे. वहीं खुद से खाद बनाते हैं तो अधिक दाम में गोबर खाद खरीदना नहीं पड़ेगा.

पढ़ें: VIDEO: बिलासपुर नगर निगम की पहली बैठक में हंगामा, जमकर हुई तू-तू..मैं-मैं..

पंजीयन भी कम

जिले में करीब 115 गौठान में गोबर की खरीदी की जा रही है. गोबर बेचने के लिए करीब 2565 हितग्राहियों ने अपना पंजीयन कराया है. जिले में अब तक 150 टन की गोबर खरीदी की गई है. महज 5% पशुपालक ही अब रुचि ले रहे हैं. शेष पशुपालकों ने गोबर बेचने से मना कर दिया है. आंकड़ें जिले में स्थापित गौठानों की तुलना में काफी कम हैं. पशुपालकों के गोबर नहीं बेचे जाने को लेकर जिला प्रशासन बरसात होने का तर्क दे रहा है.

राज्य सरकार किसानों को अतिरिक्त आय देने के लिए इस योजना की शुरुआत की है. लेकिन न तो किसानों में इस योजना को लेकर कोई रुचि देखने को मिल रही है, और न ही पशुपालक इसे लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details