धमतरी: आर्थिक रूप से कमजोर भूमिहीन गरीब परिवारों के उत्थान के लिए केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाएं है, लेकिन ऐसी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रहा है. जिसकी बानगी धमतरी जिले में देखने को मिल रही है. जिले का एक गरीब परिवार पिछले 10 साल से झोपड़ी में रह रहा है. इस गरीब परिवार को आज तक मकान बनाने के लिए कोई भी सरकारी मदद नहीं मिली है. जिसकी वजह से ये परिवार तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करते हुए बाजार में शेड में रहने को मजबूर है.
5 साल से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत विकासखंड में हजारों आवास बन चुके हैं. लेकिन आज तक किसी ने इस गरीब परिवार की आवाज नहीं सुनी. जो प्रधानमंत्री के 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध कराने के सपने पर पानी फेरने जैसा है. धमतरी के बेलरगांव में रहने वाले श्रवण कुमार बताते हैं कि वे बीते 10 साल से अपनी जान जोखिम में डालकर टीन शेड के नीचे रह रहे हैं. कई बार उन्होंने कलेक्टर और सरंपच सचिव को पक्का मकान देने के लिए आवेदन दिया है लेकिन अब तक उन्हें एक आवास नसीब नहीं हो पाया है. श्रवण बताते हैं कि उनके पास खाने तक के रुपए नहीं है. राशन कार्ड से मिल रहे खाने के सहारे ही वे अपना जीवन चला रहे हैं ऐसे में घर का निर्माण कराना उनके लिए एक सपने जैसा है.
श्रवण बताते हैं कि, काफी मशक्कत के बाद दो साल पहले उन्हे आवास योजना के तहत घर बनाने की स्वीकृत दी गई था, लेकिन सिस्टम के ढीले रवैये के कारण घर का काम शुरू तक नहीं हो पाया है. वे बताते हैं कि उनकी पत्नि की मानसिक हालत ठीक नहीं है. एक बेटा है वो भी दिव्यांग है. ऐसे में परिवार की पूरी जिम्मेदारी श्रवण पर ही है. इस परिवार को सुविधा के नाम पर सिर्फ राशन मिल पाता है.