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धमतरी: मगरलोड में चंदा हाथियों का आतंक, कई एकड़ फसल बर्बाद

धमतरी के मगरलोड विकासखंड क्षेत्र में 21 हाथियों के दल ने उत्पात मचाया हैं. हाथियों के दल ने ग्रामीणों की फसल भी बर्बाद कर दी है.

Elephants damage crops
चंदा हाथियों का आतंक

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Published : Sep 10, 2020, 2:25 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 3:20 PM IST

धमतरी: मगरलोड विकासखंड क्षेत्र के जंगल में चंदा हाथियों का दल डेरा जमाया हुआ है. यह दल अब किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है. इससे गांव के किसान परेशान हैं, लेकिन वन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वन विभाग हाथियों को खदेड़ने में नाकाम साबित हो रहा है.

मगरलोड में चंदा हाथियों का आतंक

धमतरी के खड़मा गांव के ग्रामीण बताते है कि हाथियों का दल गांव के लगभग 50 किसानों की सौ एकड़ से अधिक धान की फसल को रौंदकर खराब कर चुका है. ग्रामीण रोज शाम को मशाल लेकर हाथियों को भगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन हाथियों को भगाने में सफल नहीं हो पा रहे है. हाथियों के गांव के पास डेरा जमाए जाने को लेकर ग्रामीणों में दहशत है.

हाथियों का उत्पात

ग्रामीण बताते है कि हाथियों के उत्पात से जहां उनकी फसल नष्ट हो रही है वहीं जान-माल का खतरा भी बना हुआ है. किसान बताते है कि उन्होंने हाथियों के उत्पात की जानकारी बुधवार को तहसीलदार और पुलिस थाने में दी और शासन से मुआवजे की मांग की लेकिन मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. किसानों का कहना है कि हाथियों को खदेड़ने के लिए वन विभाग के द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा हैं.

बता दें कि इसके पहले भी गरियाबंद से होते हुए 21 हाथियों का दल धमतरी जिले के मगरलोड क्षेत्र पहुंचा था. जो दोबारा घूमते-घूमते फिर एक बार धमतरी पहुंच गया है. हाथियों के दल ने इससे पहले किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं किया था, लेकिन इस बार हाथियों ने आतंक मचाया हुआ है, जिससे ग्रामीण परेशान है.

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छत्तीसगढ़ में हाथियों का आतंक

  • बलरामपुर में पहाड़ी कोरवाओं की बस्ती में हाथियों ने आतंक मचाया है. हाथियों ने कई घरों को तोड़ दिया है और फसल बर्बाद कर दी है.
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छत्तीसगढ़ के इन इलाकों में हाथियों का आतंक
छत्तीसगढ़ देश के सर्वाधिक हाथी प्रभावित क्षेत्रों में शुमार राज्यों में से एक है. छत्तीसगढ़ की बात करें तो प्रदेश में लगभग 35 साल पहले हाथियों का आगमन हुआ था. उत्तरी और उत्तरी पूर्वी सीमा से तत्कालीन बिहार और वर्तमान झारखंड और ओडिशा राज्यों से हाथियों ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया. तब से लेकर आज तक राज्य के सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, कोरिया, जशपुर, कोरबा, रायगढ़, महासमुंद, धमतरी, बलौदा बाजार और गरियाबंद जिलों में हाथियों का विचरण होता रहा है.

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छत्तीसगढ़ में हाथियों की संख्या

वर्तमान में राज्य में हाथियों की संख्या 290 के आसपास है. छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ सालों से मानव हाथी द्वंद एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. पिछले 5 साल में करीब 300 लोगों की जान गई है और कई एकड़ की फसल भी चौपट हुई है. नुकसान के एवज में शासन ने पिछले 5 साल में 80 करोड़ का मुआवजा भी दिया है. मानव और हाथियों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए शासन की तरफ से कई प्रयास भी किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है. वन विभाग ने अब उत्तराखंड की तर्ज राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 3:20 PM IST

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