धमतरी: वक्त जरूर बदला, लेकिन धमतरी से महज 3 किलोमीटर दूर तेलीनसती गांव की दस्तूर नहीं बदली है. यहां के ग्रामीण अबीर गुलाल तो जमकर उड़ाते हैं, लेकिन होलिका दहन नहीं करते हैं. इस गांव में आज भी बिना होलिका दहन के ही होली का त्योहार मनाया जाता है. गांव वालों की मान्यता है कि, 'आग जलाने से उनके ऊपर आफत आ सकती है, जबकि पीढ़ियों से चली आ रही इस परंपरा को युवा वर्ग भी आगे बढ़ा रहा है.
दरअसल, ऐसी मान्यता है कि होली के मौके पर गांव में आग नहीं जलाई जाती है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करने की कोशिश भी करता है तो गांव में आफत आ जाती है. गांव वालों का कहना है कि, 'सदियों से पहले इस गांव में एक महिला अपने पति की चिता में सती हुई थी और तब से यह परंपरा चली आ रही है, जिसे हर शख्स मानता है'.