धमतरी: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बेटियां अब सिर्फ स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं कर रही हैं बल्कि जिंदगी जीने का हुनर भी सीख रही हैं. सरकार स्कूलों में पढ़ने वाली बच्चियों को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना के तहत आत्मरक्षा करने का गुर सिखाया जा रहा है. बेटियों को ये ट्रेनिंग दी जा रही है कि जब कोई उनसे बदतमीजी की कोशिश करे तो उसे कैसे मुंहतोड़ जवाब देना है. स्कूलों में चलने वाली इस ट्रेनिंग में बड़ी संख्या में छात्राएं शामिल हो रही हैं. बच्चियों के माता पिता भी बेटियों को स्कूल में आत्मरक्षा के गुर सीखने के लिए भेज रहे हैं.
धमतरी के स्कूलों में लड़कियों को दी जा रही कराटे की ट्रेनिंग, छेड़खानी करने वालों को अब मिलेगा मुंहतोड़ जवाब - Dhamtari School Girls Learning Karate
Dhamtari School Girls Learning Karate पढ़ेंगे लिखेंगे बनेंगे नवाब, खेलेंगे कूदेंगे बनेंगे खराब. अब फलसफा बदल चुका है. अब बेटियां पढ़ भी रही हैं और खेल कूदकर आगे बढ़ भी रही हैं. बात पर अगर भरोसा नहीं है तो फिर धमतरी की इन बेटियों से मिल लीजिए. Dhamtari News
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Nov 26, 2023, 2:29 PM IST
|Updated : Nov 26, 2023, 6:59 PM IST
बहादुर बेटियां:डाही गांव के रहने वाले विजय कुमार सोनवाली बच्चियों को कराटे की ट्रेनिंग देते हैं. सोनवाली खुद ब्लैक बेल्ट है और बेटियों के पिता भी. विजय बताते हैं कि पहले पहले लड़कियों में कराटे सीखने को लेकर घबराहट थी. माता पिता भी बच्चियों को ट्रेनिंग दिलवाने से कतराते थे. स्कूल के शिक्षकों और लोगों की कोशिश से आज ज्यादातर छात्राएं यहां कराटे की ट्रेनिंग ले रही हैं. कराटे सीख रही बच्चियों में अब सुरक्षा के प्रति गंभीर भाव भी जागा है. छात्राओं का कहना है कि अब अगर उन्हे को परेशान करेगा तो हिम्मत के साथ उनका मुकाबला भी करेंगी और उनको मुंहतोड़ जवाब भी देंगी. बेटियों की हिम्मत देखकर अब स्कूल के शिक्षक और उनके परिजन दोनों ही खुश हैं.
पढ़ाई के साथ आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी जरूरी:स्कूल की किताबों में रानी लक्ष्मीबाई से लेकर रानी दुर्गावती तक के पाठ बच्चों को स्कूल में पढ़ाए जाते हैं. स्कूली किताब की पढ़ाई से बच्चों का दिमाग तो मजबूत हुआ पर अब बच्चों की सेहत को भी मजबूत बनाया जा रहा है. स्कूलों में आत्मरक्षा की जो ट्रेनिंग बेटियों को दी जा रही है, इस ट्रेनिंग से बच्चियों में न सिर्फ हौसला बढ़ेगा बल्कि हिम्मत भी आएगी. जरूरत इस बात की है कि ये कारवां कहीं रुके नहीं.