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टैक्स कलेक्शन में धमतरी नगर निगम पिछड़ा

धमतरी नगर निगम एक तरफ भारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. दूसरी तरफ राजस्व वसूली में भी निगम प्रशासन फिसड्डी साबित हो रहा है. यही हाल रहा तो नगर निगम का आर्थिक संकट गहराना तय है. जिसका सीधा असर जन सुविधाओं और विकास पर पड़ेगा.

धमतरी नगर निगम
धमतरी नगर निगम

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Published : Dec 11, 2022, 6:07 PM IST

धमतरी: धमतरी नगर निगम एक तरफ भारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. दूसरी तरफ राजस्व वसूली में भी निगम प्रशासन फिसड्डी साबित हो रहा है. यही हाल रहा तो नगर निगम का आर्थिक संकट गहराना तय है. जिसका सीधा असर जन सुविधाओं और विकास पर पड़ेगा.


धमतरी नगर निगम में 40 वार्ड आते हैं. जहां करीब 1 लाख से ज्यादा की जनसंख्या रहती है. इतने लोगों के लिए पानी, बिजली सड़क, सफाई और बाग बगीचों का इंतजाम निगम को करना होता है. साथ ही निगम के कर्मचारियों का वेतन और भत्ता भी बड़ा आर्थिक बोझ रहता है. शहर और दफ्तर को चलाने के लिए निगम कुल 7 प्रकार के कर जनता और व्यापारियों पर लगाता है. मसलन संपत्ति कर, समेकित कर, जलकर, दुकान किराया, यूजर्स चार्जेस और अन्य कर.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार आज वंदे भारत ट्रेन को नागपुर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ट्रेन नागपुर से चलकर राजधानी रायपुर पहुंची. गाजे बाजे के साथ का भव्य स्वागत किया गया. स्वागत के लिए रायपुर के सांसद सुनील सोनी और विधायक विजय होने के बाद समिति केंद्रीय विद्यालय के बच्चे और भाजपा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे. नागपुर से रायपुर तक का सफर यह ट्रेन 4 घंटे में तय करेगी. ट्रेन में बैठे यात्रियों और स्वागत करने पहुंचे लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए लिए धन्यवाद दिया.

मौजूदा वित्तीय वर्ष की बात करें तो 8 महीने बीत जाने के बावजूद निगम अपने लक्ष्य का आधा कर भी वसूल नहीं कर पाया है. निगम को बतौर कर 767.58 करोड़ वसूल करना है. लेकिन 30 नवम्बर तक की स्थिति में सिर्फ 335.69 करोड़ यानी 42.43 प्रतिशत ही वसूली की जा सकी है. इतनी वसूली भी तब हो पाई जब वार्डो में विशेष शिविर लगाए गए. आपको आंकड़ों में बताए तो.

  • संपत्ति कर 249.28 करोड़ का होता है, जिसमें सिर्फ 110.20 करोड़ वसूला गया.
  • समेकित कर 139.36 करोड़ होता है, वसूली 32.55 करोड़ यानी 23.36 प्रतिशत.
  • जल कर 192.10 करोड़ वसूली लक्ष्य लेकिन 45.47 करोड़ यानी 23.67 करोड़ वसूली
  • दुकान किराया 93.61 करोड़ होता है, जिसमें वसूली 43.41 करोड़, यानी 51.92 प्रतिशत
  • यूजर चार्जेस 40.52 करोड़ वसूली करना है लेकिन 31.35 करोड़ यानी 77.37 फीसदी वसूली
  • अन्य चार्जेस 62.71 करोड़ के है जो 100 फीसदी वसूली हो चुकी है.

    इस मामले में निगम की लापरवाही तो कारण है ही, जनता भी हमेशा टैक्स देने से बचती रहती है. निगम लगातार लोगों से टैक्स देने की अपील कर रहा है जो अभी तक बेअसर साबित हो रही है. दूसरी तरफ इस मामले में विपक्ष हमलावर बना हुआ है. हालात यही बने रहे तो शहर के विकास पर बुरे आर्थिक हालात का बुरा असर तो होना ही है. मूलभूत सुविधाओं पर भी असर पड़ रहा है.

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