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धमतरी नगर निगम के लिए कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हुआ, आखिर क्यों ? - News related to Dhamtari Municipal Corporation

धमतरी नगर निगम इस साल अब तक 60 फीसदी ही राजस्व वसूली कर पाया है. इसके तहत 4 करोड़ 52 लाख की वसूली हुई है. मार्च तक 3 करोड़ 65 लाख 75 हजार रुपये की वसूली करना बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.

Recovery of crores of rupees pending in Dhamtari Municipal Corporation
Dhamtari Municipal Corporation

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Published : Jan 29, 2021, 2:10 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 2:24 PM IST

धमतरी: किसी भी नगरीय निकाय की आर्थिक स्थिति राजस्व सहित विभिन्न करों की वसूली पर निर्भर करती है. कोरोना का असर इस बार अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है. कोरोना से पहले तक धमतरी नगर निगम में हर महीने लाखों रुपये राजस्व की वसूली होती थी, लेकिन वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना के कारण महज 60 फीसदी ही करों की वसूली हुई है.ऐसे में लक्ष्य साधना निगम के लिए चुनौती बना हुआ है. हालांकि निगम का दावा है कि सभी वसूली समय रहते पूरी कर ली जाएगी.

मार्च तक पेंडिंग राजस्व की वसूली बड़ी चुनौती

दरअसल नगरीय निकायों को स्वायत्तशासी संस्था का दर्जा दिया गया है यानी उसे अपने सभी जरूरी खर्च का इंतजाम खुद ही करना है.यही वजह है कि निगम अपनी तमाम जरूरतों के लिए टैक्स वसूली के लिए निर्भर है, ताकि शहर में विकास के कार्य हो सके.

राजस्व वसूली आमदनी का बड़ा जरिया

धमतरी नगर निगम में राजस्व की वसूली आमदनी का एक बड़ा जरिया है, लेकिन इस साल अपेक्षाकृत कम वसूली हुई है. जिससे नगर निगम कर्मचारियों को वेतन देने में मुश्किलें भी हो रही है. इसके अलावा इसका असर अन्य कार्यो पर भी हो रहा है. कोविड-19 की महामारी के दौरान शहर में कई अभूतपूर्व स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करानी पड़ी.इससे निगम पर भारी आर्थिक बोझ भी पड़ा है. ऐसे में अब टैक्स की वसूली तेज करने की जरूरत महसूस की जा रही है.

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करोड़ों रुपये की हुई वसूली, करोड़ों रुपयों की वसूली बाकी

  • नगर निगम को आमदनी के तमाम स्रोतों से वित्तीय वर्ष 2020- 21 में 4 करोड़ 52 लाख 71 हजार रुपये की आमदनी हुई.
  • इसमें संपत्ति कर 1 करोड़ 37 लाख 68 हजार, समेकित कर 54 लाख 56 हजार, जलकर 90 लाख 59 हजार और अन्य टैक्स से 1 करोड़ 29 लाख 98 हजार रुपये सहित दुकानों के किराए से 38 लाख 63 हजार रुपये वसूल किये गए.
  • इनमें 100 प्रतिशत दुकानों से किराया वसूली की गई. इसी तरह भवन अनुज्ञा के मामले में कुल 471 प्रकरणों में से 410 प्रकरण में निगम ने 1 करोड़ 27 लाख रुपये वसूले.

अब निगम प्रशासन को 3 करोड़ 65 लाख 75 हजार रुपए की वसूली करना बाकी है, जिन्हें मार्च महीने तक वसूला जाना है. जिसके लिए निगम प्रशासन को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ सकता है.

निगम का दावा कामकाज में कोई असर नहीं

टैक्स वसूली और सरकार से सहयोग लेने के मुद्दे पर विपक्ष का कहना है कि अप्रत्यक्ष रूप से निगम पर राज्य सरकार का नियंत्रण है. शहर के लोगों ने विपरीत परिस्थिति में भी निगम का सहयोग किया.अगर कहीं कमी है तो निगम में बैठे लोग इसके लिए जिम्मेदार है. निगम के महापौर का कहना है कि कोरोना महामारी ने वसूली के कामों को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं किया है. बल्कि सभी लोग मिलकर वसूली का प्रयास कर रहे हैं. इससे निगम के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा है.

राजस्व वसूली का सीधा असर निगम के कामकाज पर होता है.जाहिर है कि यदि वसूली ठीक से नहीं हो पाती तो निगम प्रशासन के पास न तो पर्याप्त पैसा होगा है और न ही लोगों को जरूरत की सुविधाएं मुहैया हो पाएगी.

Last Updated : Jan 29, 2021, 2:24 PM IST

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