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Dhamtari News : धमतरी में चौक का नाम बदलने पर प्रदर्शन - कालिका चौक

धमतरी शहर में इन दिनों चौक चौराहे के नाम बदलने को लेकर बार-बार विवाद की स्थिति बन रही है. ताजा मामला महंत घासीदास वॉर्ड का है. जहां के एक चौक का नाम निगम ने शहीद हेमू कॉलोनी के नाम पर कर दिया है. अब वॉर्डवासी इससे नाराज हो गए हैं. नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि लोगों ने निगम का ही घेराव कर दिया. लोगों ने निगम के सामने काफी देर तक बाजे-गाजे के साथ प्रदर्शन किया. लोगों के मुताबिक जिस चौक का नाम बदला गया है उसे सभी कालिका चौक के नाम से जाना जाता है.इसलिए नाम बदलना गलत है.

protest to change name of Kalika Chowk
कालिका चौक का नाम बदलने पर विरोध

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Published : Jan 20, 2023, 12:37 PM IST

धमतरी : मां कालिका मंदिर चौक के नये नामकरण का विरोध तूल पकड़ता जा रहा है. सिहावा रोड में स्थित कालिका चौक के नए नाम को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हुई है. वार्ड वासियों ने चौक का नाम बदलने को लेकर अब विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. गुरूवार को निगम के सामने रहवासियों ने ढोल बजाकर प्रदर्शन किया . इस दौरान आयुक्त के नाम वार्डवासियों ने ज्ञापन सौंपकर नाम नहीं बदलने की गुजारिश की है. नाम परिवर्तन किया गया तो उग्र आंदोलन करने की चेतावनी वार्डवासियों ने दी है.

वॉर्डवासियों ने दिया धरना : पूर्व में कलेक्टर और नगर निगम में आवेदन देने के बाद किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होता देख वॉर्डवासी गुरूवार को नगर निगम के सामने धरने पर बैठे. वॉर्डवासियों का कहना है कि '' पूर्व में इसे शांति चौक के नाम से जाना जाता था. नगर पालिका के कार्यकाल में उसे अटल चौक किया जा रहा था. कुछ दिनों बाद यहां मां कालिका मंदिर का निर्माण हुआ. तब से इसे मां कालिका चौक के नाम से जाना जाता है. किन्तु कुछ समय पहले उस चौक का नाम अन्य नाम से नामकरण किया जा रहा है, जो उचित नहीं है.''

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बिना सहमति के नाम बदलने का आरोप :वॉर्डवासी प्रहलाद पटेल, राजबाई पटेल, प्रकाश सिन्हा ने बताया कि '' हम उस व्यक्ति का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि यह कहना चाहते हैं कि चौक का नाम मां कालिका के नाम से ही रहने दिया जाये. यदि महापुरूषों के नाम से चौक चौराहों का नामकरण होता तो जिले में या छत्तीसगढ़ में जन्में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम से रखा जाना चाहिए. नामकरण से पहले वार्डवासियों की बैठक होनी थी. नये नामकरण को गुपचुप तरीके से कर दिया गया. यदि इसे नहीं बदला गया तो भूख हड़ताल, चक्काजाम जैसे उग्र आंदोलन किये जाएंगे.'' वहीं आयुक्त विनय पोयाम ने आवेदन लेते हुए दो टूक कह दिया कि यह उनके अधिकार क्षेत्र का नहीं है. यह जनप्रतिनिधियों का मामला है. इसे संबंधित कमेटी को सौंप दी जायेगी.

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