धमतरी:छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब बच्चों को भी बेहतर शिक्षा के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की शुरुआत की है. इन स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और वातावरण इतना बेहतरीन बनाया गया है कि ये सरकारी स्कूल किसी भी निजी स्कूलों को मात देते नजर आते हैं. लेकिन दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में कई स्कूल ऐसे हैं, जिनके पास भवन तक नही हैं. ऐसा ही हाल धमतरी जिले का भी है. जिले के आदिवासी बहुल पंचायत कुकरेल के लोग सालभर से स्कूल भवन की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही से स्कूल का भवन नहीं बन पा रहा है, जिसके कारण आदिवासी इलाके के बच्चे शिक्षा से दूर हो रहे (Children forced to study in dilapidated school in Dhamtari) हैं.
अव्यवस्था के कारण शिक्षा व्यवस्था बदहाल:दरअसल, सरकार स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के नाम पर खूब वाहवाही बटोर रही है, लेकिन सरकार अन्य सरकारी स्कूलों की सुध नहीं ले रहा. धमतरी जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर कुकरेल पंचायत के बांसपारा स्थित प्राथमिक स्कूल भवन 40 साल पुराना होने के कारण शासन के आदेश पर तोड़ दिया गया. लेकिन इसके एवज में न ही नया भवन बन पाया और न ही नये भवन की स्वीकृति मिली. भवन न होने के कारण अब यहां के बच्चे एक ही कमरे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इस अव्यवस्था के कारण शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
किराए के मकान में संचालित हो रहा आंगनबाड़ी:बताया जा रहा है कि इस स्कूल में 60 से अधिक बच्चे पढ़ाई करते है, जिनमें 60 फीसद से अधिक बच्चे आदिवासी समाज से आते हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि स्कूल भवन के लिए शासन की ओर से कोई प्रयास ही नहीं किया गया. कुछ इसी तरह का हाल आंगनबाड़ी का भी है. भवन जर्जर होने के कारण सालभर पहले आंगनबाड़ी भवन को भी तोड़ा गया, लेकिन नये भवन की स्वीकृति नही मिली. नतीजतन आंगनबाड़ी किराए के एक घर में संचालित हो रहा है.