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Dhamtari latest news: धमतरी में 14 सौ साल पुराने शिव मंदिर में भोले बाबा का विशेष श्रृंगार, उज्जैन के कलाकार दे रहे स्वरूप - Budheshwar Mahadev Baba shringar in Dhamtari

धमतरी के शिव मंदिर में 14 सौ साल पुराना शिव मंदिर है. इस मंदिर को बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है.यहां उज्जैन से आए कलाकार महादेव बाबा का श्रृंगार कर रहे हैं. देखिए यह सब कैसे हो रहा है.

Budheshwar Mahadev Baba shringar in Dhamtari
धमतरी में शिव मंदिर

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Published : Jan 17, 2023, 11:48 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 5:19 PM IST

शिव मंदिर में भोले बाबा का विशेष श्रृंगार

धमतरी:धमतरी जिले के इतवारी बाजार स्थित 14 सौ साल पुराने शिव मंदिर में इन दिनों महादेव का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है. इसके लिए उज्जैन से शिवभक्त कलाकार सतीश सक्सेना को धमतरी बुलाया गया है. सतीश विश्व प्रसिद्ध कलाकार है और विदेशों में भी वो अपनी इसी तरह की कला का प्रदर्शन कर चुके हैं. उन्हें भारत सरकार सम्मानित भी कर चुकी है. सतीश रोजाना शिवलिंग का नए रूप में श्रृंगार करते हैं. जिसे देखने बड़ी संख्या में शिव भक्त आ रहे हैं. कभी वो शिवलिंग को माता विंध्यवासिनी का स्वरूप देते है कभी अर्धनारीश्वर तो कभी भूतनाथ का. सतीश अपने इस कला को भगवान का आशीर्वाद मानते हैं

बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर बना आस्था का केंद्र: इतवारी बाजार स्थित बूढ़ेश्वर महादेव आस्था का केंद्र बना हुआ है. उज्जैन से आए सतीश सक्सेना महादेव का हर दिन नए और आकर्षक स्वरुप में श्रृंगार कर रहे हैं. मिट्टी से अलग-अलग दिन शिव, माता पार्वती, हनुमान जी सहित मां विंध्यवासिनी, अर्धनारीश्वर और गणेश जी एवं भूतनाथ का स्वरूप दिया है. यह सभी स्वरूप पहली बार भक्तों को नजर आया है. खास बात यह कि महाकालेश्वर उज्जैन में 12 साल में एक बार भूतनाथ का स्वरूप भक्तों को दर्शन देता है. जो धमतरी के भक्तों को बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन मिल रहा है. पूजन आरती में शहर के भक्त सहित बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के भक्त बड़ी संख्या में मंदिर पहुंच रहे हैं.

उज्जैन से आए महादेव के भक्त सतीश सक्सेना ने भगवान का श्रृंगार किया: सतीश सक्सेना ने बताया कि "वह राधा रानी का अध्ययन करते हैं. भगवान का श्रृंगार हर रूप में होता है. भगवान के प्रेरणा से भक्तों को अलग-अलग देवी-देवताओं का दर्शन कराने मिट्टी से श्रृंगार कर रहे हैं. वे विदेशों में जाकर भी भगवान का शृंगार करते हैं. उन्होंने बताया कि 2 बार उन्हें भारत सरकार ने सम्मानित किया है. वे जर्मनी, इटली, मैक्सिको में जाकर प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं."

बूढेश्वर महादेव में जीर्णोद्धार का काम जारी: बता दें कि बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार का काम तेजी से जारी है. दशकों पुराने इस बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार 3 करोड़ रुपए से किया जा रहा है. इस प्राचीन मंदिर को संवारने का लक्ष्य मंदिर ट्रस्ट ने साल 2023 रखा है.बताया गया कि मंदिर को संवारने के लिए अभी 44 पिलर, 3 दरवाजे और 6 खिड़कियां तैयार हो गए हैं. छत और गुंबद का काम बाकी है.

मंदिर का होगा जीर्णोद्धार: मंदिर के जीर्णोद्धार में 11 हजार घन फीट पत्थर का उपयोग किया जाएगा. इसके लिए राजस्थान के बंशी पहाड़पुर से 2 करोड़ रुपए के पत्थर लाए गए हैं. यह पत्थर प्रति घन फीट 2 हजार रुपए के हिसाब से खरीदे गए हैं. जिस पत्थर का इस्तेमाल धमतरी के बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर बनाने में हो रहा है. इसी पत्थर से ही अयोध्या में भगवान श्रीराम जी के मंदिर भी बन रहा है. इसलिए ये मंदिर और भी खास हो जाता है. बंशी पहाड़पुर के पत्थरों में कई आकर्षक कलाकृतियां उकेरी गई हैं. पिलर, गुम्बद, खिड़कियां, दरवाजे प्राचीन शैली की हैं.

Last Updated : Jan 25, 2023, 5:19 PM IST

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