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राजस्थान सरकार के खिलाफ धमतरी में बीएसपी का प्रदर्शन - rajasthan jalore incident

राजस्थान के जालोर में कक्षा तीसरी के छात्र की शिक्षक ने बुरी तरह पिटाई कर दी. इस घटना में छात्र की मौत हो गई. जिसके बाद पूरे देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. धमतरी में बीएसपी ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

rajasthan jalore incident
बीएसपी का प्रदर्शन

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Published : Aug 17, 2022, 6:47 PM IST

धमतरी: बुधवार को धमतरी जिले में बहुजन समाज पार्टी ने गांधी मैदान में धरना देकर राजस्थान सरकार के खिलाफ (BSP protest against Rajasthan government) हल्ला बोला है. बहुजन समाज पार्टी ने बताया कि "राजस्थान के जालोर (rajasthan jalore incident) में तीसरी के छात्र की टीचर की पिटाई से मौत हो गई. छात्रा ने टीचर के मटके का पानी पी लिया था. जिसकी वजह से उसने उसकी पिटाई की थी. जिससे छात्र की मौत हो गई. उसी के विरोध में गांधी मैदान धमतरी में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. साथ ही राष्ट्रपति के नाम एसडीएम धमतरी को ज्ञापन सौंपा गया."


आजादी के 75 वर्ष बाद भी जातिवादी मानसिकता नहीं बदली : बसपा जिलाध्यक्ष आशीष रात्रे ने कहा कि "कांग्रेस पार्टी की मानसिकता शुरू से ही दलित आदिवासी विरोधी रही है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए. वहां दलितों आदिवासियों पर लगातार अन्याय और अत्याचार हो रहा है. दलितों को मूंछ रखने पर मार दिया जा रहा है, घोड़ी पर चढ़ने नहीं दिया जाता." उन्होंने कहा कि "एक तरफ हम आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं और दूसरी तरफ आजादी के इतने वर्षों के बाद भी लोगों की जातिवादी मानसिकता नहीं बदली है.

बीएसपी का प्रदर्शन

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हिन्दू संगठनों को भी लिया आड़े हाथ: बसपा जिलाध्यक्ष ने तथाकथित हिन्दू वादी संगठनों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि "उदयपुर में कन्हैयालाल दर्जी की हत्या पर जिनका खून खौल रहा था. पूरे भारत सहित छत्तीसगढ़ को बंद करवाया था. उस संगठन के लोगों को क्या सांप सूंघ गया है? क्या दलित बच्चा हिंदू नहीं था? जालोर में दलित बच्चे की हत्या पर चुप क्यों हैं?" बसपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि "चौबीस दिन बाद एफआईआर हो रही है. ये वहां की कानून व्यवस्था और जातिवादी मानसिकता को दर्शाता है. तत्काल शैलू सिंह राजपूत को फांसी देने दी जाए."

पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग: इस घटना से स्पष्ट है कि कांग्रेस की सरकार वहां खासकर दलितों, आदिवासियों और उपेक्षितों के जीवन, इज्जत की सुरक्षा करने में नाकाम है. इस सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, तो बेहतर होगा. प्रदर्शनकारियों ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है.

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