धमतरी: जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर मुजगहन गांव में डेढ़ करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा था, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से यह पुल अब तक नहीं बन पाया है. पुल का निर्माण कार्य शुरू हुए 4 साल से ज्यादा का समय बीत गया है. ऐसे में आसपास के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 4 साल बाद भी पुल का काम अधूरा पड़ा है. विभागीय लापरवाही का नतीजा ग्रामीणों और राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है.
दरअसल, लोहरसी के मुजगहन को जोड़ने वाला पुल 2015 की बारिश में ढह गया था. प्रशासन ने नए पुल के लिए 1 करोड़ 43 लाख 58 हजार रुपए स्वीकृत किए थे. 5 मीटर ऊंचे और 48 मीटर लंबे पुल के निर्माण कार्य के लिए फरवरी 2016 को वर्क ऑर्डर जारी हुआ थ. इसे एक साल में बनाया जाना था, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही और अफसरों की अनदेखी के कारण यह पुल 4 साल बाद भी नहीं बन पाया है. पुल का काम अधूरा होने की वजह से लोग सिंचाई विभाग के पुल से आवाजाही कर रहे हैं. इस पुल से दूसरे वाहन भी गुजर रहे हैं.
पखांजूर: डेढ़ सौ करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क पांच साल बाद भी अधूरी, अब भी जर्जर पुल-पुलियों से गुजर रहे लोग
लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण
आसपास के कई गांव के लोग रोजाना इस रास्ते से गुजरते हैं. इसके अलावा इसी रोड से होकर केन्द्रीय विद्यालय और रेस्टहाउस के लिए लोगों को आवाजाही करनी पड़ती है. इतना ही नहीं आए दिन वीआईपी और प्रशासनिक अफसर इस रोड से होकर गुजरते हैं, लेकिन बावजूद जिम्मेदार अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं ठेकेदार और अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों की माने तो पुल नहीं बनने के कारण लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.