धमतरी: छत्तीसगढ़ में 15 सालों बाद बैलेट पेपर के जरिए पंचायत के चुनाव हुए हैं, चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेशभर में बेहतर प्रदर्शन किया है. लेकिन बैलेट वोटिंग का दूसरा पहलू भी अब सामने आ रहा है. धमतरी जिले की बात करें तो यहां कुल मतदान के लगभग 9 फीसदी वोट रिजेक्ट हो गए हैं.
जिले में कुल 4 लाख 94 हजार 880 मतदाता हैं और यहां औसतन 70 फीसदी वोटिंग हुई. इसके लिहाज से 3 लाख 46 हजार 416 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया. लेकिन इनमें से करीब 28 हजार वोट रिजेक्ट किए गए, जो कि कुल मतदान का करीब 9 फीसदी होता है. इसकी वजह गलत जगह मुहर लगना, सही ढंग से बैलेट फोल्ट नहीं होना या मुहर की स्याही कागज के दूसरी तरफ लग जाना रहा. त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में हर एक मतदाता ने चार वोट डाले. बीते 15 साल में लोगों को ईवीएम से वोट की आदत पड़ चुकी थी. वहीं लाखों की संख्या में नये मतदाता भी जुड़े. जिन्हे कभी भी बैलेट वोटिंग का अनुभव नहीं था और न कोई जानकारी थी. जब चुनावों के परिणाम आए तो ज्यादातर सीटों पर फैसला वोटों के मामूली अंतर से तय हुआ.