धमतरी :नगर निगम क्षेत्र में अब विकास शुल्क को दोगुना कर दिया गया है, टैक्स को बढ़कर अब प्रति वर्ग फुट 30 रुपये कर दिया गया है. निगम के विपक्ष में बैठी भाजपा ने शुल्क वृद्धि को लेकर सत्ता पक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा ने इसे जन विरोधी फैसला बताते हुए बढ़ा हुआ शुल्क वापस लिए जाने की मांग की है, तो वहीं कांग्रेस शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव बीजेपी के शासन काल में होने का हवाला दिया है.
निगम में विकास शुल्क में बढ़ोत्तरी बीते दिनों एमआईसी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर प्रति वर्गफीट शुल्क 30 रुपए किया गया है. नगर निगम की MIC बैठक में महापौर विजय देवांगन की अनुमति और एमआईसी सदस्यों की सहमति के बाद विकसित, अविकसित और एनएच स्थानों पर विकास शुल्क के संबंध में यह प्रस्ताव पारित किया गया है. पढ़ें :कोरोना से बचाने कितना कारगर है आरोग्य सेतु ऐप? आईटी एक्सपर्ट मोहित साहू से जानें
प्रस्ताव बीजेपी के शासनकाल में लाया गया
भाजपा के पार्षदों ने विरोध करते हुए कहा है कि लोगों पर भार बढ़ेगा, इसलिए इस निर्णय को वापस लिया जाए, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा. विपक्ष का ये भी कहना है कि कोरोना काल में सरकार लोगों की मदद कर रही है, लेकिन धमतरी नगर निगम एमआईसी की बैठक कर लोगों के जेब पर भार डाल रहा है. यह जनता के साथ अन्याय है. सत्तापक्ष का कहना है कि यह प्रस्ताव बीजेपी के शासनकाल में ही लाया गया था जिस पर कांग्रेस ने सिर्फ मुहर लगाई है.
यह शुल्क 20 प्रति वर्गफीट दिया जा रहा
गौरतलब है कि विकास शुल्क भवन अनुमति जारी करते समय नगर निगम की ओर से क्षेत्र में नाली, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए विकास शुल्क लिया जाता है. विकास शुल्क का निर्धारण भवन की अनुमति मांगने के लिए आवेदन करने वाले आवेदक की जमीन पर किया जाता है. इससे अब जो विकसित क्षेत्र में भवन निर्माण करना चाहते हैं, तो भवन अनुज्ञा के लिए अनुमति लेने प्रति वर्गफीट 30 रुपए के हिसाब से विकास शुल्क देना होगा. इसके पहले यह शुल्क 20 प्रति वर्गफीट लिया जा रहा था. भाजपा के विरोध और कांग्रेस के इस प्रस्ताव से मुमकिन है कि आने वाले दिनों में इस मुददे को लेकर दोनों सियासी दलों में तकरार और भी बढ़ेगी.