धमतरी: अरौद ग्राम में आदर्श गौठान का लोकार्पण आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कुछ दिन पहले किया था. लेकिन मौजूदा वक्त में गौठान की हालत खराब हो गई है. गौठान में मवेशियों और चरवाहों को भारी परेशानी हो रही है. वहीं गोबर के रखे ढेर में जानवर बार-बार फंस रहे है. सबसे हैरानी की बात है कि शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.
जिले में कई ऐसे गौठान हैं. जहां किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसके बाद भी उनको आदर्श गौठान का तमगा दिया गया है. कुछ ऐसा ही हाल मगरलोड क्षेत्र के आदर्श गौठान अरौद का है. यहां न तो चारे की व्यवस्था और न ही मवेशियों के पीने के पानी का इंतजाम है. साथ ही बाॅन्ड्रीवॉल नहीं बनाया गया है. इससे पशुओं को एक जगह रखने में चरवाहों को खासी परेशानी होती है.
बिल्हा: अमसेना में गौठान पर बेजा कब्जा को हटाया गया, प्रशासन ने की कार्रवाई
गौठान में नहीं है शेड का निर्माण
वहीं केचुआ खाद बनाने के लिए गौठान में शेड का भी निर्माण नहीं किया गया है. इसके चलते स्व सहायता समूह की महिलाएं खुले में जैविक खाद बना रही हैं. इसके अलावा नाडेप टंकी नहीं होने से गोधन न्याय योजना के तहत खरीदे गए गोबर खुले में पड़े-पडे़ सूख कर खराब हो रहे हैं. इससे शासन को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.
कुछ दिन पहले गौठान का वीडियो हुआ था वायरल
दरसअल कुछ दिनों पहले इसी गौठान से एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें जानवर फंसते हुए दिखाई दे रहे थे और लोग जानवरों को निकाल रहे थे. इस मामले में ईटीवी भारत ने जानकारी ली तो पता चला कि यहां बार बार जानवर फंस रहे हैं. जिन्हें ट्रैक्टर और लोगों की मदद से खींचकर बाहर निकाला जाता है. वहीं, इस मामले में गौसेवा आयोग के अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश के किसी भी गौठान में अव्यवस्था नहीं है. गोधन न्याय योजना के तहत गौठान का निर्माण कर गोबर खरीदा जा रहा है और गौठानों में पशुओं को बेहतर सुविधा मिलने की दावे कर रहे हैं.