धमतरी: मन के हारे, हार है, मन के जीते जीत. इसी कहावत को एक बुजुर्ग महिला ने चरितार्थ कर दिखाया है. कोरोना के इस दौर में बहते आंसू, कराहते मरीज, अस्पताल और ऑक्सीजन के लिए बदहवास परिवार देखते-देखते जब आप हिम्मत हारने लगें तो 92 साल की इस दादी को देखिए. इन्होंने उम्र के इस पड़ाव में भी कोरोना को पटखनी दे दी है. कोरोना काल में जहां रोजाना युवाओं की मौत की खबरें आ रही है, वहीं फुलवा बाई की रिकवरी देख न सिर्फ आम लोग बल्कि डॉक्टर भी हैरान हैं. डॉक्टरों नें इसे फुलवा बाई की मजबूत विल पावर का नतीजा बताया है.
कोरोना की इस दूसरी लहर में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. कोरोना की दूसरी वेव हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. कोरोना के इस काल में लोगों का ये सोचना रहा है कि, कोरोना से युवाओं को कम और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है. लेकिन धमतरी के सियादेही गांव की 92 वर्षीय फुलवा बाई ने इस भ्रम को झुठला दिया है. शादी समारोह में जाने के बाद फुलवा बाई कोरोना संक्रमित हो गई थीं.
76 साल की दादी का 77 हो गया था ऑक्सीजन लेवल, हरा दिया कोरोना को